Jharkhand Panchayat Chunav 2022: पलामू में प्रखंड प्रमुख के लिए खुल गया रेट... एक वोट की कीमत जानकर रह जाएंगे दंग
Jharkhand Panchayat Chunav 2022 त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2022 के सभी चरण के मतदान पूरे नहीं हुए हैं लेकिन पलामू में प्रखंड प्रमुख का पद हासिल करने के लिए जोड़तोड़ और लाबिंग शुरू हो गई है। एक वोट की कीमत जानकर आप भी दंग रह जाएंगे।
मेदिनीनगर( पलामू), [मृत्युंजय पाठक]। Jharkhand Panchayat Chunav 2022 हालांकि पलामू में अभी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2022 के सभी चरण के मतदान पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन प्रखंड प्रमुख का पद हासिल करने के लिए जोड़तोड़ और लाबिंग शुरू हो गई है। इसके लिए धनबल और बाहुबल दोनों के प्रयोग होने के संकेत मिलने लगे हैं। पंचायत समिति सदस्य के एक वोट के लिए दो लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक की डिमांड है। वैसे यह फाइनल नहीं है। वोट खरीदने वाले और बेचने वाले-दोनों तरफ से तोलमोच जारी है। इस पूरे राजनीतिक प्रकरण में हैरान करने वाली बात यह है कि आर्थिक रूप से कमजोर प्रखंड प्रमुख के दावेदारों के लिए फाइनेंसर भी तैयार हैं।
21 प्रखंड प्रमुखों का होना है चुनाव
पलामू जिले में 21 प्रखंड हैं। जाहिर है 21 प्रखंड प्रमुख चुने जाएंगे। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में मोहम्मदगंज, हैदरनगर, हुसैनाबाद, पीपरा, हरिहरंगज और ऊंचारी रोड में क्रमश: 09, 15, 27, 07, 10 और 8 पंचायत समिति सदस्य का चुनाव हो चुका है। इसी तरह दूसरे चरण में नौडीहा बाजार, छतरपुर, नावाबाजार, पंडवा और पाटन में क्रमश: 15, 25, 10, 9 और 29 पंचायत समिति सदस्य चुने गए हैं। तीसरे चरण में मनातू, तरहसी, नीलांबर-पीतांबरपुर, सतबरवा और पांकी में चुनाव हो चुका है। अभी मतणना नहीं हुई है। चौथे चरण में पांडू, विश्रामपुर, चैनपुर, रामगढ़़ और सदर मेदिनीनगर में 27 मई को चुनाव है। इसके बाद 31 मई को तीसरे और चौथे चरण की मतगणना होगी।
गुप्त मतदान से होगा प्रखंड प्रमुख का चुनाव
जिन दो क्षेत्रों में चुनाव संपन्न हो चुका है वहां प्रखंड प्रमुख की लाबिंग तेज है। पंचायत समिति सदस्य अपने बीच में से ही किसी एक को गुप्त मतदान के माध्यम से प्रखंड प्रमुख चुनेंगे। जहां चुनाव हो चुके हैं वहां पर प्रखंड प्रमुख के दावेदार रेट खोल चुके हैं। कुछ ने दो लाख रुपये से रेट खोले हैं। वहीं एक वोट के लिए पांच लाख रुपये तक डिमांड की जा रही है। अभी प्रखंड प्रमुख चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं हुई है। तारीख की घोषणा होने के बाद जोड़तोड़ और तेज होगी। प्रखंड प्रमुख के दावेदारों की संख्या बढ़ने पर पंचायत समिति सदस्यों के वोट के लिए जोरआजमाइश होगी।
यहां ठेका-पट्टी से होती राजनीति
पलामू की राजनीति का एक स्याह पक्ष यह भी है कि यहां राजनीति ठेका-पट्टा आधारित है। ज्यादातर क्षेत्रों में ठेकेदार ही राजनीति को प्रभावित करते हैं और राजनीति करते हैं। ऐसे ठेकेदार सुरक्षित क्षेत्रों में प्रखंड प्रमुखों के दावेदारों को फाइनेंस करने को भी तैयार है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि पंचायत चुनाव के बाद क्षेत्र के ठेका-पट्टा पर नियंत्रण।