स्वास्थ्य सुधारों में झारखंड पड़ोसी राज्यों से बेहतर, टॉप 3में शामिल Ranchi News
Jharkhand. नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड स्वास्थ्य सुधारों में तीसरे स्थान पर रहा है। इस रिपोर्ट में बिहार बड़े राज्यों में सबसे फिसड्डी रहा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड स्वास्थ्य सुधारों में शीर्ष तीन राज्यों में शामिल हो गया है। नीति आयोग द्वारा मंगलवार को जारी 'हेल्दी स्टेट्स-प्रोग्रेसिव इंडिया' रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड स्वास्थ्य सुधारों में वार्षिक इंक्रीमेंटल परफारमेंस (वृद्धिशील प्रदर्शन) के आधार पर तीसरे स्थान पर रहा है। पहले स्थान पर हरियाणा तथा दूसरे स्थान पर राजस्थान है। झारखंड भी इन दोनों राज्यों के समकक्ष है।
इस रिपोर्ट में बिहार बड़े राज्यों में सबसे फिसड्डी रहा है जो 21वें स्थान पर है। झारखंड ओवरऑल परफारमेंस में 14वें तथा वार्षिक इंक्रीमेंटल परफारमेंस में तीसरे स्थान पर है। नीति आयोग ने सबसे अधिक स्वास्थ्य सुधारों में जिन पांच राज्यों को शामिल किया है उनमें झारखंड भी शामिल है। अन्य राज्यों में हरियाणा, राजस्थान, आंधप्रदेश और असम शामिल है। आंध्रप्रदेश और असम सहित अन्य राज्य झारखंड से पीछे हैं।
पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, पंजाब, केरल, तमिलनाडु, ओडिशा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश तथा बिहार में कोई सुधार नहीं हुआ है। वर्ष 2015-16 को बेस ईयर तथा 2017-17 को रिफ्रेंस ईयर के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। नीति आयोग ने ओवर ऑल परफारमेंस में झारखंड को अचीवर्स तथा इंक्रीमेंटल परफारमेंस में सबसे अधिक सुधारों वाले राज्यों की श्रेणी में रखा है। रिपोर्ट के अनुसार नौ राज्यों की रैंकिंग में गिरावट आई है जबकि झारखंड ने अपनी रैंकिंग बरकरार रखी है।
अन्य राज्यों में केरल, गुजरात, जम्मू-कश्मीर तथा उत्तर प्रदेश शामिल हैं। झारखंड ने दस स्वास्थ्य सूचकांकों में काफी अधिक सुधार दिखाया है। यह सभी राज्यों में सबसे अधिक है। जबकि आठ में सुधार हुआ है। पांच सूचकांकों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। तीन में थोड़ी तथा एक में अधिक गिरावट हुई है। जिसमें अधिक गिरावट हुई है उसमें केंद्र को प्रतिदिन का डाटा भेजा जाना शामिल है।
टीबी के इलाज की सफलता दर में झारखंड अव्वल
टीबी मरीज के सफलतापूर्वक इलाज में झारखंड सभी राज्यों में अव्वल है। यहां इसकी दर 90.0 फीसद से 91.7 फीसद हो गई है।
इन स्वास्थ्य सूचकांकों में हुआ सुधार
सूचकांक 2015-16 2017-18
नवजात मृत्यु दर (प्रति एक हजार जन्म पर) 23 21
पांच वर्ष के बच्चों की मृत्यु दर (प्रति एक हजार जन्म पर) 39 33
टोटल फर्टिलिटी रेट 2.7 2.6
कम वजन के शिशुओं का जन्म (प्रतिशत) 7.4 7.1
लिंग अनुपात (एक हजार पुरुष पर महिलाओं की संख्या) 902 918
पूर्ण टीकाकरण (प्रतिशत) 88.1 100
संस्थागत प्रसव (प्रतिशत) 64.4 88.2
टीबी नोटिफिकेशन रेट (एक लाख पर) 108 118
टीबी के इलाज की सफलता दर (प्रतिशत) 90.9 91.7
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