Jharkhand News: सूखी रोटी, पतली दाल... जेल का खाना देख फफक पड़ीं पूजा सिंघल... रोते-रोते कटी रात
Jharkhand News मनरेगा घोटाला मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले में जेल गईं झारखंड की खान सचिव आइइएस अधिकारी पूजा सिंघल का नया ठिकाना अब रांची का बिरसा मुंडा जेल बन गया है। बुधवार दोपहर बाद ढाई बजे जेल पहुंचने के बाद से उनकी हालत असहज हो गई।
रांची, जासं। Jharkhand News मनरेगा घोटाला, मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले में जेल गईं निलंबित आइइएस पूजा सिंघल का ठिकाना अब बिरसा मुंडा जेल बन गया है। बुधवार की दोपहर करीब ढाई बजे वह जेल पहुंचीं। जेल पहुंचने के बाद उनकी नाक फिर चढ़ी हुई थी। वह जेल के कैदियों और सुरक्षाकर्मियों से नजरें नहीं मिला रहीं थी। उनसे कोई पूछता तो वह जवाब दिए बिना शांत रहीं। उन्हें महिला वार्ड से सटा एक छोटा कमरा में रखा गया है। जहां, तीन अन्य महिला कैदी भी हैं। दोपहर में नहाने के बाद से वह अपने कमरे में ही लेटकर और बैठकर समय गुजारते रहीं। जेल आने के बाद से ही वह रुआंसा दिख रही थीं।
रात के समय जब पूजा सिंघल को खाना मिला तो सूखी रोटी, दाल और सब्जी देख फिर भड़क गईं। जेलकर्मियों से पूछा ये क्या सूखी रोटी दे रहे हो। दाल इतनी पतली क्यों है। सब्जी में हल्दी तक नहीं। इसपर उनके लिए खाना लाने वाली महिला कैदी ने कह दिया, मैडम जेल में ऐसा ही खाना मिलता है। कैदी की बातें सुन पूजा चुपचाप खाना लेकर बैठ गईं। एक दो टुकड़े खाईं, इसके बाद पानी पीकर जेल के चारों ओर टहला। जेल की कैंटीन, बाथरूम, मंदिर सहित अन्य जगहों पर घूमी। इसके बाद वापस अपने वार्ड में जाकर सो गईं।
जेल में एंट्री के साथ ही महिला कैदी बन गई सेवादार
पूजा सिंघल अपने साथ कपड़े, साबून, पेस्ट, शैंपू लेकर पहुंची थीं। उन्हें कमरा में रख दिया गया। जेल सूत्रों के अनुसार पूजा सिंघल के साथ जिन तीन महिला कैदियों को रखा गया है, वह पूजा सिंघल के लिए पहले से सेवादार बनने का मूड बना चुकीं थी। इन कैदियों ने पूजा सिंघल की मदद के लिए काम बांट लिया। एक ने कहा, मैडम में हर दिन भंसा (कैंटीन) से खाना ला दूंगी। दूसरे ने कपड़े धोने की जिम्मेवारी उठा ली। तीसरे ने अन्य कामों में हाथ बंटाने की जिम्मेवारी ले ली है। इन तीनों कैंदियों ने पूूजा सिंघल के उदास रहने पर उन्हें समझाया-बुझाया। कहा मैडम आराम से रहो, सब ठीक हो जाएगा।
मच्छर मारते रहे डंक, नहीं सो पाई पूरी रात
पूजा सिंघल को मच्छरों के बीच रात गुजारना पड़ा। उन्हें मच्छर डंक मारते रहे। मच्छरों के बीच पूरी रात नहीं सो पाई। बार-बार उन्हें रोना आ रहा था। उन्होंने जेल प्रशासन से मच्छरदानी की देने के लिए कहा। लेकिन मच्छरदानी की अनुमति नहीं रहने की बात कह मना कर दिया गया। उन्हें मच्छर अगरबत्ती दिया गया। लेकिन यह कुछ देर के लिए ही राहत भरी थी। अगरबत्ती खत्म होते ही मच्छर फिर से हमला करते रहे। इस बार उन्हें सोने के लिए कंबल, चादर, तकिया दिया गया है।
जेलर- जमादार को देख घुमा लिया चेहरा
पूजा सिंघल जब जेल के वार्ड पर थीं, उस समय जमादार वहां पहुंचे। जमादार के पहुंचने पर चेहरा घुमा लिया। कुछ देर में जेलर गुजरे तब भी यही किया। दूसरे सिपाही से हाल-चाल ली गई। इसपर पूजा सिंघल ने कहा ठीक हूं। वैसे पूजा काफी तनाव में रहीं। उन्हें जेल में रहना नागवार गुजर रहा।