निशिकांत के ट्वीट से खलबली... पूजा सिंघल पर छापा पड़ते ही हुआ बड़ा खेल; अमित अग्रवाल, विनोद सिंह, प्रेम प्रकाश के परिवार से पूछताछ
Jharkhand News भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों में गिरफ्तार की गईं झारखंड की आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी के बाद झारखंड के सैंकड़ों शातिरों ने अपने मोबाइल नंबर बदल लिए। भाजपा सांसद निशिकांत दूबे के खुलासे से फिर नीचे से ऊपर तक खलबली मची है।
रांची, जेएनएन। Jharkhand News भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों में गिरफ्तार की गईं झारखंड की आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के 5 राज्यों के 25 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय, ईडी की छापेमारी के बाद झारखंड के सैंकड़ों शातिरों, भ्रष्टाचार में लिप्त बेईमानों ने अपने मोबाइल नंबर बदल लिए। ताकि जांच एजेंसी की कार्रवाई को झुठलाया जा सके। भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने यह हड़कंप मचाने वाला खुलासा किया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बेहद आक्रामक तरीके से निशाना साध रहे भाजपा सांसद के इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद एक बार फिर सत्ता, सियासत से लेकर नौकरशाही तक में नीचे से ऊपर तक खलबली मच गई है। इस बीच निशिकांत दूबे ने शनिवार को ट्वीट किया- जांच को आगे बढ़ाते हुए ED ने अमित अग्रवाल, विनोद सिंह व प्रेम प्रकाश के परिवार को बुलाने का फैसला किया है।
निशिकांत दूबे ने ट्विटर पर लिखे अपने संदेश में कहा- सत्ता के करीबी प्रेम प्रकाश ने अपने शातिराना दांव पेंच का आइएएस पूजा सिंघल जी के यहां प्रवर्तन निदेशालय, ईडी की छापेमारी के बाद पूरा उपयोग किया। उसने सभी दलालों के, सेंटरों के, लाभान्वित व्यापारियों के, भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और नेताओं के मोबाइल को बदल कर सबूत नष्ट करने की पूरी कोशिश की। लेकिन ईडी की कड़ी कार्रवाई और विशेषज्ञता के आगे सब कुछ बेकार गया, उल्टा यह दांव उनपर भारी पड़ गया।
प्रेम प्रकाश ने अपने शातिराना दांव पेंच का पूजा सिंघल जी के यहाँ @dir_ed के छापे के बाद पूरा उपयोग किया ,सभी दलालों के,सेटरों के,लाभान्वित व्यापारियों के,भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों व नेताओं के मोबाइल को बदल कर सबूत नष्ट करने की कोशिश की ।सब कुछ बेकार गया,उल्टा ?
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 27, 2022
भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने एक पर एक ट्वीट कर शुक्रवार को सनसनी फैला दी। उन्होंने दूसरे ट्वीट में नेता-अफसरों के काला धन का निवेश करने वाले विशाल चौधरी के बारे में भी खुलासा किया। निशिकांत ने लिखा- चौधरी जी के मोबाइल का सब डीटेल लैब ने निकाल लिया है, मैं किश्त में बताउंगा, नहीं तो झारखंड माल मुद्रा पार्टी कहेगी कि पहले क्यों बताए? पहले पत्रकार, फिर मेरा वार, होगा खत्म झारखंड का भ्रष्टाचार।
बता दें कि भाजपा सांसद पर झामुमो की ओर से यह आरोप लगाया गया है कि वे ईडी की कार्रवाइयों की पहले ही जानकारी लीक करते हैं। जेएमएम ईडी की छापेमारी और जांच पर पहले ही सवाल उठा चुकी है। बीते दिन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि ईडी की कार्रवाई पर सरकार की पैनी नजर है। उन्होंने जांच एजेंसी की कार्रवाई को अखबारबाजी और मीडिया जनित मुद्दा बताया था। हेमंत सोरेन ने जांच एजेंसी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ईडी मीडिया की तरह कार्रवाई को सनसनीखेज बना रहा है।
चौधरी जी के मोबाइल का सब डीटेल लैब ने निकाल लिया है,मैं किश्त में बताउँगा,नहीं तो झारखंड माल मुद्रा पार्टी कहेगी कि पहले क्यों बताए ? पहले पत्रकार,फिर मेरा वार,होगा ख़त्म झारखंड का भ्रष्टाचार
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 27, 2022
निशिकांत दूबे ने आगे कहा कि झारखंड सरकार ने बेशर्मी की भी सीमा पार कर दी है। जनता सब देख और समझ रही है। प्रेम प्रकाश के रूप में इनका ऐसा नस पकड़ में आया है कि भ्रष्टाचार का इलाज इसी से हो जाए। उन्होंने कहा कि एक-एक कर भ्रष्टाचार में लिप्त सभी बेईमानों का नाम सबके सामने आएगा। विधानसभा में सत्ता पक्ष के सारे कुर्सी खाली होना तय है। भाजपा सांसद ने कहा कि हर विभाग में दलाली, हर जगह भ्रष्टाचार करने वाली झारखंड सरकार का काला चिट्ठा अब सामने आ चुका है। एक दिन ये पूरा कुनबा अंदर जाएगा।
इससे पहले निशिकांत दूबे ने ईडी के हत्थे चढ़े सबसे बड़े दलाल प्रेम प्रकाश के बारे में कहा कि प्रेम भइया का कारनामा यह है कि उन्होंने राज्य सरकार के सरकारी गजट में प्रकाशित सरकारी जमीन तक को बेच दिया। रांची की इस जमीन पर विजिलेंस जांच चल रही थी, लेकिन उस जमीन को प्राइवेट बनाकर भार्गव के नाम पर बेनामी रजिस्ट्री करा दी गई। भाजपा सांसद ने आज एक बार फिर से किसी अग्रवाल भैया का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पार्टनर राजा से रंक तक हैं। ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाने पर हेमंत सोरेन पर तंज कसते हुए निशिकांत दूबे ने कहा कि आप सही हैं, क्योंकि आप राज्य के तारणहार हैं। चोर, पुलिस, ईमानदार, भ्रष्टाचारी सब पर आपकी नजर है। इसी पैनी नजरों ने तो चुन-चुन कर जिले में भ्रष्टाचार में लिप्त पदाधिकारियों को बैठा रखा है?