झारखंड आंदोलनकारी के आश्रितों को नौकरियों में पांच प्रतिशत आरक्षण
Jharkhand news राज्य सरकार के दो साल पूरे होने पर हेमंत सोरेन ने कई घोषणाएं की हैं। यह घोषणाएं जनता से सीधा सरोकार रखती हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह घोषणाएं बुधवार को रांची के मोरहाबादी मैदान में की। आइए इन घोषणाओं पर डालते हैं एक नजर।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में झारखंड आंदोलनकारियां के आश्रितों को नौकरियों में पांच प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण मिलेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह राज्य भीख मांगने से नहीं मिला। हमारा राज्य आंदोलन की उपज है। कई लोगों ने इस राज्य के लिए हुए आंदोलन में अपनी शहादत दी, लेकिन ऐसे आंदोलनकारियों को नजरअंदाज किया गया। हमारी सरकार ऐसे आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सम्मान के साथ पेंशन तो दे ही रही है। अब उन्हें सरकारी नौकरियों में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ भी मिलेगा।
वन उपज को बढ़ावा और बाजार उपलब्ध कराने के लिए एमओयू
झारखंड आदिवासी बाहुल्य राज्य है। यहां की एक बड़ी आबादी अपनी जीविका के लिए वनोत्पादों पर निर्भर है। ऐसे में सरकार ने वनोत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में नीति बनाई है। इसी के तहत बुधवार को समारोह में वन विभाग, कल्याण विभाग और इंडियन स्कूल आफ बिजनेस के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। इसके तहत यहां के वन उपज को व्यवसायिक बाजार उपलब्ध कराया जाएगा।
प्लेसमेंट लिंक्ड ट्रेनिंंग प्रोग्राम के लिए एमओयू
राज्य में 12वीं पास विद्यार्थियों को आइटी की ट्रेनिंंग देने के लिए श्रम विभाग और एचसीएल टेक्नोलाजी के बीच आज एमओयू पर भी समारोह में हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत यहां के इंटर पास विद्यार्थियों को एचसीएल कंपनी के द्वारा प्लेसमेंट लिंक्ड ट्रेनिंंग प्रोगाम से जोड़ा जाएगा और प्लेसमेंट की भी व्यवस्था की जाएगी।
समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना सह किसान पाठशाला की शुरुआत
राज्य के किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना सह किसान पाठशाला का शुभारंभ किया गया। पहले चरण में 17 किसान पाठशाला खोली जाएगी। जबकि आने वाले तीन सालों में इसकी संख्या को बढ़ाकर सौ करने की योजना है।
महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य का ख्याल
कुपोषण और एनीमिया के खिलाफ एक हजार दिनों के विशेष समर अभियान का शुभारंभ भी किया गया है। इसके तहत महिलाओं को एनीमिया और बच्चों को कुपोषण की समस्या से निजात दिलाने के लिए एक हजार दिनों का विशेष समर अभियान भी शुरू किया गया।