रिम्स परिसर में एएसआइ से 2 लाख लूट मामले में पुलिस के हाथ खाली, 4 माह बाद भी कोई सुराग नहीं
Jharkhand News एसबीआइ मेन ब्रांच में लगे सीसीटीवी फुटेज में दो बाइक सवार अपराधी देखे गए। दोनों ने हेलमेट पहन रखा था। एसबीआइ से निकलकर एएसआइ एसएसपी कार्यालय गए। इस दौरान अपराधियों ने रेकी की और इंतजार करते रहे।
रांची, जासं। रिम्स परिसर में एएसआइ सुरेश ठाकुर से बीते सात जुलाई को हुई दो लाख लूट के मामले में चार माह बाद भी पुलिस सुराग नहीं जुटा पाई है। न अपराधियों की पहचान हुई है और न उनका चेहरा पहचाना गया है। घटना के बाद एक सीसीटीवी फुटेज सामने आई थी। फुटेज से पुलिस को जानकारी मिली है कि कचहरी चौक स्थित एसबीआइ मेन ब्रांच से दो लाख रुपये निकालकर एएसआइ जब बाइक पर बैठे, तब से ही अपराधी पीछा कर रहे थे।
पूरे तीन घंटे बाइक सवार दोनों अपराधी पीछे-पीछे रहे। लेकिन इस दौरान कहीं भी पुलिसकर्मियों को संदेह तक नहीं हुआ और एक पुलिस वाले ही शिकार बन गए। एसबीआइ मेन ब्रांच में लगे सीसीटीवी फुटेज में दो बाइक सवार अपराधी देखे गए है। दोनों ने हेलमेट पहन रखा था। एसबीआइ से निकलकर एएसआइ एसएसपी कार्यालय गए। वहां रेकी की और निकलने का इंतजार करते रहे। करीब दो घंटे के बाद जब एएसआइ रिम्स के लिए निकले तो पीछा करते हुए रिम्स पहुंच गए।
रिम्स पहुंचकर जब पोस्टमार्टम हाउस से रिपोर्ट लेकर रिम्स चौक के समीप लगी अपनी बाइक तक पैदल जा रहे थे, तभी झपटमार उनके करीब आए और रिम्स चौक होते हुए करमटोली के रास्ते भाग निकले। बता दें कि सिल्ली थाने में पोस्टेड एएसआइ सुरेश ठाकुर से बरियातू थाने से महज 200 मीटर की दूरी पर बदमाशों ने दो लाख रुपये झपट लिए थे। उन्होंने अपनी बेटी की शादी की तैयारी के लिए रुपये निकाले थे। एएसआइ वर्दी में नहीं थे। सिल्ली से पहले वे लालपुर थाने में पोस्टेड रह चुके हैं।
कोढ़ा गैंग पर फोकस, अपराधियों की अब तक पहचान नहीं
पुलिस का फोकस कोढ़ा के कटिहार गैंग पर ही है। पुलिस के अनुसार एएसआइ से झपटमारी करने वाले अपराधियों का एमओ कोढ़ा गैंग के जैसा ही है। कोढ़ा गैंग के अपराधी झपटमारी के बाद शहर छोड़ देते हैं। इससे पुलिस उन अपराधियों को नहीं पकड़ पाती है। डोरंडा में भी दो घटनाओं को कोढ़ा गैंग के अपराधियों ने अंजाम दिया है। दोनों ही मामलों में पुलिस के हाथ खाली हैं।