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राज्य के 7 जिलों में OBC आरक्षण शून्य, ओबीसी मोर्चा ने जताया विरोध; EWS आरक्षण को बताया पिछड़ों की हकमारी

झारखंड में अधिसूचित क्षेत्र के सात जिलों में ओबीसी वर्ग के लोगों को जिला आधारित आरक्षण का लाभ नहीं मिलने पर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने आरोप लगाया है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देकर ओबीसी की हकमारी की गई है।

By Ashish JhaEdited By: Mohit TripathiPublished: Tue, 21 Mar 2023 12:42 AM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2023 12:42 AM (IST)
राज्य के 7 जिलों में OBC आरक्षण शून्य, ओबीसी मोर्चा ने जताया विरोध; EWS आरक्षण को बताया पिछड़ों की हकमारी
राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने समुदाय के हक दिलाने में विफल विधायकों से मांगा इस्तीफा।

राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड में अधिसूचित क्षेत्र के सात जिलों में ओबीसी वर्ग के लोगों को जिला आधारित आरक्षण में आरक्षण का लाभ नहीं मिलने के मुद्दे को राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने मुद्दा बनाने की ठान ली है। मोर्चा ने आरोप लगाया है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देकर ओबीसी की हकमारी की गई है।

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रोस्टर में अविलंब सुधार की मांग

मोर्चा ने सरकार से जानना चाहा है कि आखिर किस आधार पर ऐसा किया गया। राज्य में जिला स्तरीय पदों पर नियोजन के लिए सरकार ने सभी जिलों में आरक्षण रोस्टर लागू कर दिया है, जिसमें स्पष्ट है कि सात जिलों में ओबीसी वर्ग का आरक्षण शून्य कर दिया गया है।

राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने इसका विरोध करते हुए अविलंब रोस्टर में सुधार करने की मांग की है। मोर्चा ने ओबीसी आरक्षण भी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा के अनुसार 50 प्रतिशत करने का आग्रह किया है।

ओबीसी विधायकों पर भड़के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष

राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने प्रेस वार्ता कर कहा कि सभी दलों के ओबीसी विधायक अपने समुदाय को अधिकार दिलाने में विफल साबित हुए हैं। सभी विधायक विधानसभा से इस्तीफा देकर जनता से माफी मांगें।

इन जिलों में नहीं मिल रहा आरक्षण का लाभ

सात जिले जहां ओबीसी आरक्षण शून्य कर दिए गए हैं उनमें लातेहार, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम और दुमका जिले के नाम शामिल हैं। इन जिलों में पहले भी ओबीसी आरक्षण शून्य ही था। ऐसा इन जिलों में इस वर्ग की नगण्य संख्या के कारण है।

यूपीए सरकार से थी इंसाफ की उम्मीद: मोर्चा

दूसरी ओर, ओबीसी मोर्चा ने कहा है कि यूपीए सरकार में ओबीसी समुदाय के साथ इंसाफ होने की उम्मीद थी होगा और उन्हें उनका हक और अधिकार मिलेगा, लेकिन दोनों सरकारों ने ओबीसी समुदाय के साथ दगा किया है, उन्हें उपेक्षित किया है।


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