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Jharkhand: नक्सलियों के संरक्षण में फलता-फूलता है अफीम का धंधा, सप्‍लाई चेन तोड़ने में पुलिस असफल

Jharkhand News इक्का-दुक्का तस्कर गिरफ्तार होते हैं लेकिन सप्लाई चेन तोडऩे में पुलिस नाकामयाब रही है। जहां सर्वाधिक पत्थलगड़ी हुई थी वहां पोस्ता की खेती भी सर्वाधिक हुई थी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 08:02 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 08:23 AM (IST)
Jharkhand: नक्सलियों के संरक्षण में फलता-फूलता है अफीम का धंधा, सप्‍लाई चेन तोड़ने में पुलिस असफल
Jharkhand: नक्सलियों के संरक्षण में फलता-फूलता है अफीम का धंधा, सप्‍लाई चेन तोड़ने में पुलिस असफल

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में नक्सलियों के संरक्षण में अफीम तस्करी का धंधा फल-फूल रहा है। राज्य के खूंटी, सरायकेला-खरसावां, रांची के ग्रामीण इलाकों, चतरा व हजारीबाग में किसानों को बरगलाकर या डराकर नक्सली अफीम के लिए खेती कराते हैं। यहां तैयार नशे का सामान तस्करों के माध्यम से दिल्ली-पंजाब और दूसरे राज्यों में पहुंचाया जाता है। इस काले धंधे की कमाई नक्सली अपने संगठन को मजबूत करने में लगाते हैं। पुलिस इनके इक्के-दुक्के लोगों को गिरफ्तार कर, सामान बरामद कर, फसल बर्बाद कर अपनी पीठ थपथपा लेती है, लेकिन इसकी सप्लाई चेन तोडऩे में वह आज भी अफसल रही है।

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पत्थलगड़ी आंदोलन खड़ा किया

झारखंड के खूंटी, सरायकेला-खरसावां व पश्चिमी सिंहभूम जिले में दो साल पूर्व पत्थलगड़ी कर समानांतर सरकार की साजिश रची गई थी। इन क्षेत्रों में पुलिस-प्रशासन को जाने पर ग्रामीणों ने प्रतिबंध लगाया था। गांव में जाने के पूर्व ग्राम सभा की अनुमति को अनिवार्य किया गया था। इसी बीच खूंटी जिले के अड़की स्थित कुरुंगा में नुक्कड़ नाटक मंडली की महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म की घटना घटी। जब पूरे मामले की छानबीन हुई तो इस घटना के पीछे उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया का हाथ सामने आया।

तब छानबीन में पता चला कि उग्रवादी ग्राम सभा के माध्यम से पुलिस-प्रशासन को गांव में घुसने से रोकते हैं और अपनी सुरक्षा में ग्रामीणों से अफीम (पोस्ता) की खेती करवाते हैं। तब पुलिस की छानबीन में यह खुलासा हुआ था कि उग्रवादी संगठन ही पत्थलगड़ी करवाकर पोस्ता की खेती करवा रहे हैं, ताकि उनका धंधा फलता-फूलता रहे। जहां सर्वाधिक पत्थलगड़ी हुई थी, वहां पोस्ता की खेती भी सर्वाधिक हुई थी।

रघुवर सरकार ने की थी कार्रवाई

रघुवर सरकार ने पत्थलगड़ी समर्थकों पर जोरदार कार्रवाई की थी। बड़े पैमाने पर पोस्ते की खेती भी नष्ट कराई गई थी, उग्रवादियों के पांव उखडऩे लगे थे। किसान पोस्ते की खेती से दूर होने लगे थे लेकिन हाल में फिर ग्रामीण इलाकों में इसकी फसल लहलहाने लगी है। तस्कर सक्रिय हो गए हैं, कुछ पकड़े भी गए हैं लेकिन धंधा बदस्तूर जारी है।

हाल में सामने आए कुछ मामले

  • 23 अप्रैल 2020 को चतरा जिले के कुंदा थाना पुलिस ने 36 किलोग्राम अफीम के साथ चार तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
  • 11 मई 2020 को चतरा पुलिस ने 57 किलोग्राम अफीम व डोडा के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा दूसरी कार्रवाई में चतरा पुलिस ने साढ़े चार क्विटंल पोस्ता दाना के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया था।
  • 15 जून 2020 को सरायकेला पुलिस ने छापेमारी कर 48 बोरे में 620 किलोग्राम अफीम डोडा, नौ बोरे में 130 किलोग्राम अफीम पाउडर बरामद किया था।

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