यहां धान और शराब के गंध ने ग्रामीणों की हराम कर दी जिंंदगी, डर के मारे घरों में सोना भी दूभर
Jharkhand Newsगुमला(Gumla) जिला के खेतों में धान की फसल(Paddy Crop) तैयार होना और अवैध शराब(Illicit liquor) का निर्माण ग्रामीणों के लिए जी का जंजाल बनने लगा है। शराब(Liquor) बनाने के जिन ठिकानों को आबकारी और पुलिस विभाग(Police Department) के जवान भी नहीं ढूंढ पाते हैं वहां हाथी पहुंच रहे हैं।
गुमला (गुरदीप राज)। Jharkhand News: गुमला(Gumla) जिला के खेतों में धान की फसल(Paddy Crop) तैयार होना और अवैध शराब(Illicit liquor) का निर्माण ग्रामीणों के लिए जी का जंजाल बनने लगा है। शराब(Liquor) बनाने के जिन ठिकानों को आबकारी और पुलिस विभाग(Police Department) के जवान भी नहीं ढूंढ पाते हैं वहां हाथी पहुंच रहे हैं। हाथी(Elephant) पहले शराब का सेवन करते हैं और मदमस्त होकर धान की फसल को खाने के लिए जंगलों से गांव की ओर झुंड में पहुंच रहे है।
शराब व धान की सुगंध हाथियों को गांव की ओर खींचने लगा है। इन हाथियों की इतनी दहशत ग्रामीणों में समा गई है कि ग्रामीण अब उन कमरों में नहीं सोते हैं जहां धान(Paddy) की फसल रखी होती है। हाथी धान की सुंगध(Aroma Of Rice) सूंघते हुए वैसे मकानों के पास पहुंचते हैं जहां धान कमरों के अंदर रखा होता है। हाथी सूंढ़ बढ़ा कर जब कमरों के अंदर रखे धान को खाने लगता है तो भारी भरकम शरीर का भार मिट्टी की दीवार सहन नहीं कर पाती और मकान क्षतिग्रस्त(House Damage) हो जाता है।
4,06392 मुआवजा राशि भुगतान के लिए की गई है तय:
धान खाने के दौरान हाथियों ने आठ महीनों में करीब 70 से ज्यादा मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया है इनमें से कई ग्रामीणों ने क्षतिपूर्ति के लिए वन विभाग को जानकारी दी है और कई ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है, जिसके कारण वन विभाग के आंकड़ों में वित्तीय वर्ष 2021-22 के सितंबर माह तक मात्र 14 मकान को ही हाथियों ने क्षतिग्रस्त करने का जिक्र है। जिसके लिए 1,59,000 हजार मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है। सितंबर माह तक अनाज क्षति के 12 मामले वन विभाग के पास आए हैं जिनमें 18,370 क्विंटल अनाज क्षति हुआ है, जिसमें 4,06392 मुआवजा राशि भुगतान के लिए तय की गई है।
कामडारा व बसिया प्रखंड में घूम रहा 28 हाथियों का झुंड:
कामडारा व बसिया प्रखंड में मंगलवार की रात से 28 हाथियों का झुंड घूम रहा है। यह हाथी कामडारा के मोरहाटोली, बसिया के कोनसकेली जंगल के बाद अब कामडारा के पकरा पहाड़ में ठहरे हुए है। हाथियों के साथ तीन चार की संख्या में उनके बच्चे भी है। ये हाथी बसिया क्षेत्र के सुकुरडा ,आर्या जंगल होते हुए मोरहाटोली पहुंचा था।
हाथी भगाने की दी जा रही ट्रेनिंग:
जिला में हाथियों के उत्पात को देखते हुए वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को हाथी भगाने के लिए ट्रेनिंग दी है। लेकिन जब झुंड में हाथी गांव पहुंचते हैं तो उन्हें भगाना ग्रामीणों के बस की बात नहीं होती। झुंड में हाथी दहाड़े मारते हुए मारते हुए गांव में प्रवेश कर रहे हैं जिससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। गांव में बन रहे अवैध शराब व धान को हाथी खाने के बाद वापस जंगल लौट जाते हैं।
हाथियों को जंगल की ओर भगाने के लिए वन विभाग की टीम कर रही है काम:
गुमला जिला के वन प्रमंडल पदाधिकारी श्रीकांत ने बताया कि गांव में पहुंचे हाथियों को जंगल की ओर भगाने के लिए वन विभाग की टीम काम कर रही है। ग्रामीणों को हाथी भगाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। क्षतिपूर्ति के लिए विभाग कार्रवाई कर रहा है।