Jharkhand News: झारखंड में नवजात बच्चों की हत्या के आंकड़े चौकाने वाले, रोकथाम के लिए करना होगा पहल
Jharkhand News झारखंड में नवजात बच्चों की हत्या के मामले में पिछले वर्ष के आंकड़े चौकाने वाले है। बच्चों की हत्या मौजूदा समय में काला अध्याय बन रही है। इसके रोकथाम के लिए पहल करना होगा। इसके लिए पालोना संस्था की संयोजिका मोनिका आर्या ने वर्कशॉप का आयोजन किया है।
रांची, जासं। Jharkhand News समाज में नवजात शिशुओं के परित्याग और हत्या की बढ़ रही घटनाएं झारखंड के वर्तमान का एक काला अध्याय लिख रही हैं। एक संवेदनशील नागरिक होने के नाते ऐसी घटनाओं पर विराम लगाना हम सब का सामूहिक दायित्व है। उक्त बातें पालोना संस्था की संयोजिका मोनिका आर्या ने कही है। इसके लिए आज दोपहर बेतार केंद्र निवारणपुर में वर्कशॉप का आयोजन किया गया है।
मोनिका ने कहा उक्त ज्वलंत विषय को अपनी जिम्मेदारी के रूप में विगत सात वर्षों से निर्वहन कर रहा है। आर्ट एन्ड फ़ोटो एग्जीबिशन, पोर्टल लॉन्चिंग, पोस्टर लॉन्चिंग, ऑनलाइन-ऑफलाइन वर्कशॉप्स के बाद इस बार कार्यक्रम उनके लिए, जिन्होंने ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में योगदान दिया है। आने वाले दिनों में इस सामूहिक दायित्व के प्रति अन्य लोग और जागरूक बनें, इस उद्देश्य से एक पहल किया जा रहा है।
एक वर्ष के भीतर 72 नवजात का परित्याग
झारखंड में पिछले वर्ष 72 नवजात का परिवार ने परित्याग कर दिया, जिसमें 41 की मौत हो गयी। इनमें 25 बालक और 35 बालिकाएं थीं। इनमें से 12 लड़कों और 19 लड़कियों की जान तो बच गयी, लेकिन 13 बालकों एवं 16 बालिकाओं की मौत हो गयी। 12 ऐसे शिशु भी मृत पाये गये या अस्पताल में जिनकी मौत हो गयी, जिनके लिंग का पता नहीं चल पाया।
ये आंकड़े पालोना ने रांची की है। वर्ष 2020 में सबसे ज्यादा 10 बच्चों का रांची में परित्याग किया गया, जिसमें 4 की मौत हो गयी और एक के बारे में अंतिम रिपोर्ट नहीं मिल सकी। नवजात की मौत के मामले में गढ़वा जिला अव्वल रहा। यहां 9 शिशुओं का परित्याग कर दिया गया, जिसमें सबसे ज्यादा 7 नवजात की मौत हो गई। इनमें 3 बेटियां और 2 बेटे थे। जबकि 2 मृत शिशु की जानकारी नहीं मिली।