भाजपा की प्राथमिकताओं में नहीं है झारखंड, चुनाव नजदीक आता देख आ रही राज्य की याद: झामुमो
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की देवघर की रैली में बिहार और बंगाल से लोगों को लाने का आरोप सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने लगाया है। गृहमंत्री के इस आरोप पर मोर्चा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा को विपक्ष की सरकार खटकती है।
राज्य ब्यूरो, रांची: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की देवघर की रैली में बिहार और बंगाल से लोगों को लाने का आरोप सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने लगाया है। गृहमंत्री के इस आरोप पर मोर्चा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा को विपक्ष की सरकार खटकती है। अब चुनाव नजदीक आता देख इन्हें झारखंड की याद आ रही है।
हार के बाद झारखंड को भुला दिया
सुप्रियो ने कहा कि भाजपा की प्राथमिकताओं में झारखंड नहीं है। 2019 में इन्हें जनता ने नकार दिया था। इससे पहले केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं की शुरूआत यहीं से होती थी। हार के बाद झारखंड को भुला दिया गया। बीते तीन साल में प्रधानमंत्री एक बार झारखंड आए। गृहमंत्री का तीसरी बार दौरा हुआ।
पूरा झारखंड भाजपा से होना चाहता है मुक्त
सुप्रियो भट्टाचार्य ने आगे कहा कि 2019 में यहां के लोगों ने सरकार को बदल डाला, तभी से भाजपा में एक व्याकुलता थी। कोल्हान में ये शून्य हो गए। संताल में करारा जवाब मिला। अब उनको लगने लगा है कि पूरा झारखंड ही भाजपा से मुक्त होना चाहता है। अचानक वे झारखंड आ रहे हैं।
जियाडा जमीन व्यक्ति विशेष को की गई हस्तांतरित
उन्होंने आगे कहा कि गृहमंत्री अमित शाह नैनो फर्टिलाइजर का शिलान्यास करने देवघर आए। वहां कभी टाटा कंपनी का एक साबुन बनता था। उस कंपनी का विलय एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में हो गया। जमीन जियाडा की थी। 2016 में उस जमीन का वारा-न्यारा हुआ। वह व्यक्ति विशेष को हस्तांतरित हो गया। इसमें व्यक्तिगत हित को ध्यान में रखा गया है।
घंटों मंदिर बंद करने पर जताई आपत्ति
सुप्रियो ने कहा कि देवघर में गृहमंत्री के पूजा करने के तीन-चार घंटे पहले मंदिर को बंद करने पर उन्होंने आपत्ति जताई। इससे भक्त आहत हुए हैं। दावा किया कि गृहमंत्री की रैली में दूसरे राज्यों से लादकर लोग लाए गए। इसी दौरान दुमका और धनबाद में झामुमो के स्थापना दिवस समारोह में जितने लोग जुटे, उसका एक अंश भी यहां नहीं है।
गृहमंत्री को हिडनबर्ग पर भी बोलना चाहिए
उन्होंने आगे कहा कि देवघर में राजमहल की बातें हो रही थी। डेमोग्राफी का हवाला दिया जा रहा था, जबकि राजमहल और गोड्डा की डेमोग्राफी भिन्न है। केंद्रीय गृहमंत्री बार-बार हेमंत सोरेन की सरकार पर आरोप लगा रहे थे। उन्हें हिडनबर्ग रिपोर्ट पर भी बोलना चाहिए। आज तक एक एफआइआर तक नहीं हुई है।