Jharkhand News: हेमंत सोरेन ने खोला खजाना, सरकारी कर्मियों को पुरानी पेंशन का तोहफा...
Jharkhand Hindi News नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम के पेंशन जयघोष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज बड़ी घोषण की। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारी सरकार के अभिन्न अंग हैं। हम किसी का नुकसान नहीं होने देंगे। 15 अगस्त तक झारखंड में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करेंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Hindi News झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि 15 अगस्त तक राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत सरकारी कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना की सौगात राज्य सरकार देगी। मोरहाबादी के फुटबाल ग्राउंड में जुटे 40 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आपकी झारखंडी सरकार सभी वर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है। मेरी कोशिश है, 15 अगस्त तक झारखंड के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करूंगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी काल से उबरने के बाद अब राज्य सरकार विकास कार्यों को गति देने में लगी है। सरकार की योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में आप सभी कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। आप सभी लोग राज्य सरकार के अभिन्न अंग हैं। राज्य को बेहतर दिशा देने में सभी वर्गों का साथ चाहिए तभी राज्य आगे बढ़ेगा। हमारी सरकार आपकी समस्याओं का समाधान कर रही है। राज्य के पारा शिक्षकों तथा आंगनबाड़ी कर्मियों की समस्याओं का निदान भी वर्तमान सरकार ने किया है।
Old pension scheme likely to be rolled out by August 15 for state govt employees who are working at present, says Jharkhand CM. The scheme was discontinued on April 1, 2004, & replaced by National Pension System— Press Trust of India (@PTI_News) June 26, 2022
हमारी सरकार में लाठी-डंडा, शोषण की इजाजत नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सभी लोगों के साथ संवेदना रखती है। हमारी सरकार में लाठी-डंडा, शोषण या बेवजह परेशान करने की इजाजत नहीं है। पहले राज्य के पारा शिक्षक साल के 12 महीनों में 11 महीना धरना- प्रदर्शन ही करते दिखते थे। सरकार गठन के बाद हमने उनके समस्याओं को सुलझाने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की उदासीन रवैया से राज्य में समस्याओं का अंबार लगा पड़ा है। हमारी सरकार हरसंभव इन समस्याओं को सुलझाने में लगी है।
राज्य के सर्वांगीण विकास में सभी का सहयोग जरूरी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि स्टेडियम में उपस्थित सभी पदाधिकारी और कर्मी के कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी है। आप सभी लोग सरकार के लिए आंख, कान, नाक तथा हाथ-पैर बनकर कार्य करते हैं। झारखंड में लोग पहाड़, पर्वत, जंगल सहित अनेकों दुर्गम जगहों पर निवास करते हैं। उन तक सरकार की योजनाओं और संदेशों को आपके माध्यम से पहुंचाया जाता है। सरकार और आपके आपसी समन्वय से इस राज्य को विकास की श्रेणी में अग्रणी राज्यों की पंक्ति में खड़ा किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार इस राज्य की परिस्थिति को देखते हुए, सभी समस्याओं को सुलझाते हुए कदम बढ़ा रही है। हमें किसी भी हाल में हारना नहीं है। सरकार समस्याओं की जड़ तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल के समय आप सभी के द्वारा किया गया कार्य काफी सराहनीय रहा।
विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस आशा और विश्वास के साथ हमारी सरकार बनी है, उसपर खरा उतरना है। सरकार ने जो वादे किए हैं, उसे प्राथमिकता के साथ पूरा करने की कोशिश की जा रही है। 32 वर्ष बाद राज्य में कृषि पदाधिकारी तथा राज्य गठन के बाद पहली बार विधि प्रयोगशालाओं में राज्य के स्थानीय बच्चों की नियुक्ति की गई है। झारखंड कृषि प्रधान राज्य है। कृषि पदाधिकारियों के अभाव में आधुनिक संसाधनों का उपयोग यहां के किसान नहीं कर पा रहे थे। मुझे विश्वास है कि अब नवनियुक्त पदाधिकारियों द्वारा किसानों को आधुनिक तकनीक की जानकारी तथा प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य विधि प्रयोगशालाओं में फॉरेंसिक जांच के लिए कर्मी नहीं थे। अब हमें फॉरेंसिक जांच सहित कई जांचों के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सामाजिक सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है। हमारी सरकार ने राज्य में सर्वजन पेंशन योजना लागू करने का काम किया है।
मुख्यमंत्री का परंपरागत तरीके से स्वागत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सभा स्थल पर पहुंचते ही तालियों की गूंज से स्टेडियम गुंजायमान हो गया। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम झारखंड (एनएमओपीएस) के पदाधिकारियों के द्वारा मुख्यमंत्री का परंपरागत स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक शिक्षिका रजनी कुमारी ने उनका तथा राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन की पेंटिंग भेंट की। कार्यक्रम में सांसद महुआ माजी, विधायक अंबा प्रसाद, पदमश्री मुकुंद नायक, एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु, प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह, प्रदेश महिला अध्यक्ष डा. सुधा शर्मा सहित अन्य मौजूद थे।
पिछले वर्ष 7614 करोड़ रुपये पेंशन मद में जारी हुए, धीरे-धीरे बोझ बढ़ेगा
झारखंड में सरकारी कर्मियों को पेंशन देने में पिछले वित्तीय वर्ष में 7614 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। अगर पुरानी पेंशन योजना लागू की गई तो सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। इस बात का अभी आकलन किया जा रहा है कि कितना बोझ बढ़ेगा। यह माना जा सकता है कि वर्तमान दर से 10-15 प्रतिशत बजट बढ़ सकता है। दरअसल, पुरानी पेंशन योजना के साथ-साथ नई पेंशन योजना के तहत बहाल कर्मी अब सेवानिवृत्त हो रहे हैं। यह बात अटपटी लग सकती है लेकिन कहीं ना कहीं सत्य भी है।
2004 में नई पेंशन योजना के लागू होने के बाद अनुकंपा के आधार पर नियुक्त 38-40 वर्ष के लोगों की सेवानिवृत्ति शुरू हो गई है। इसके अलावा वैसे लोग भी रिटायर कर रहे हैं, जिन्होंने बड़ी उम्र में नौकरी पाई है। इस कारण से अभी वास्तविक तौर पर यह आंकड़ा निकालने में अधिकारियों को कठिनाई हो रही है कि नई पेंशन योजना के तहत कितनी राशि पेंशन मद में खर्च हो रही है और पुरानी पेंशन योजना के तहत कितनी राशि का भुगतान करना होगा। पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के बाद सरकार के खजाने पर काफी बोझ बढ़ेगा। यह आंकड़ा वर्ष दर वर्ष बढ़ता ही जाएगा।