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फर्जी दस्‍तावेज पर कोयला बिक्री मामले में हाई कोर्ट ने रामगढ़ एसपी को किया तलब Ranchi News

Jharkhand High Court. फर्जी दस्तावेज के आधार पर कोयला बेचने के मामले में सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने रामगढ़ एसपी से पूरी जानकारी मांगी है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 04:30 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 07:20 PM (IST)
फर्जी दस्‍तावेज पर कोयला बिक्री मामले में हाई कोर्ट ने रामगढ़ एसपी को किया तलब Ranchi News
फर्जी दस्‍तावेज पर कोयला बिक्री मामले में हाई कोर्ट ने रामगढ़ एसपी को किया तलब Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ में फर्जी बिल के आधार पर कोयला का व्यापार करने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार के जवाब पर कड़ी नाराजगी जताई। अदालत ने रामगढ़ एसपी को तलब करते हुए पूरे मामले की जानकारी मांगी है। मामले में अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी।

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इस संबंध में झारखंड अगेंस्ट करप्शन की ओर से याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार के जवाब का अवलोकन किया। हाई कोर्ट ने सरकार के शपथ पत्र पर कड़ी आपत्ति जताई कि मामले में इंक्वायरी चल रही है और दोबारा इंक्वायरी करने की जरूरत है। अदालत ने कहा कि इंक्वायरी क्या होती है। यहां मामले में जांच हो रही है, लिखा जाना चाहिए।

पूछा कि जांच अधिकारियों को यह बात कब पता चली कि इस मामले में दोबारा जांच की जरूरत है, जबकि पहली जांच पूरी भी नहीं हुई है। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यही कारण है कि कोर्ट में जनहित याचिकाएं दाखिल होती हैैं, लोगों को लगता है कि कुछ छुपाया जा रहा है। इसके बाद अदालत ने रामगढ़ एसपी को पूरी जानकारी के साथ 13 दिसंबर को अदालत में सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया। इस मामले में दर्ज प्राथमिकी को भी अदालत में जमा करना है।

यह है मामला

वर्ष 2013-14 में रामगढ़ के घाटो से फर्जी बिल के आधार पर कई कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में कोयला बेच दिया। इससे सरकार को 53 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। 2014 में तत्कालीन सीएम के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज की गई, लेकिन मामला लंबित रहा। इसके बाद तत्कालीन वाणिज्यकर सचिव ने इसकी जांच के लिए एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) को पत्र लिखा।

एसीबी की प्रारंभिक जांच में मामला सही पाया गया। एसीबी द्वारा अभियोजन स्वीकृति मांगे जाने पर सरकार ने महाधिवक्ता कार्यालय से मंतव्य मांगा। महाधिवक्ता कार्यालय ने कहा कि इसमें किसी पर भी मामला नहीं बनता है। इसके बाद से मामला लंबित है। वर्ष 2017 में झारखंड अगेंस्ट करप्शन की ओर से याचिका दाखिल की गई।


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