कोरोना से मृत लोगों के अंत्येष्टि में परिजनों के शामिल नहीं होने के मामले में कोर्ट ने मांगा जवाब
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में कोरोना से मौत के बाद उनके परिजनों को अंतिम संस्कार में शामिल नहीं किए जाने के मामले में सुनवाई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है।
रांची, राज्य ब्यूरो । झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में कोरोना से मौत के बाद उनके परिजनों को अंतिम संस्कार में शामिल नहीं किए जाने के मामले में सुनवाई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है। इस संबंध में जमशेदपुर की एक संस्था ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने कोर्ट को बताया कि जमशेदपुर की अस्पताल में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत के बाद शव को उनके परिजनों के बजाय जिला प्रशासन को सौंप दिया जाता है। उनके परिजन अंत्येष्टि में शामिल होने की मांग करते हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया जाता है।
गौरतलब है कि राज्य में जहां कोरोना का संक्रमण लगातार कम हाे रहा है, वहीं पुराने मरीज तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। इससे राज्य में कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर अब 96.14 प्रतिशत हो गई है। पूरे देश में यह दर 92.10 प्रतिशत ही है। राज्य में कोरोना मामले की औसत वृद्धि दर भी घटकर महज 0.18 हो गई है। देश में यह दर 0.42 प्रतिशत है। राज्य में अब अधिसंख्य जिलों में 50 से कम संख्या में नए संक्रमित मिल रहे हैं। गुरूवार को सूबे के सरायकेला में 23, पश्चिमी सिंहभूम में 15, गोड्डा व रामगढ़ में 12-12, लोहरदगा में 11, पलामू में दस, गढ़वा में छह नए संक्रमित मिले थे। वहीं, पलामू में 59, रामगढ़ में 45, गढ़वा में 44, सरायकेला में 31, लोहरदगा में 28, गोड्डा मे 16 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट आए थे। इन जिलों में कोई मौत नहीं हुई।