झारखंड हाई कोर्ट ने शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ देने के मामले में राज्य सरकार से मांगा जवाब
Jharkhand News झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में प्राथमिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में प्राथमिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस संबंध में उषा प्रसाद ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान बताया गया कि जेपीएससी ने वर्ष 2003 में प्राथमिक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की थी। शैक्षणिक योग्यता को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई।
सुनवाई के बाद अदालत ने विज्ञापन के अनुरूप शैक्षणिक योग्यता को सही ठहराया था। इसके चलते करीब ढाई हजार शिक्षकों की नियुक्ति अवैध मानी गई। इसके बाद रिक्त पदों पर वर्ष 2005 में जेपीएससी ने दोबारा नियुक्ति की अनुशंसा की। इस बीच वर्ष 2004 में पेंशन को समाप्त करते हुए नई पेंशन योजना लागू कर दी गई। कहा गया कि प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति की वर्ष 2003 में हुई है। भले ही उनकी अनुशंसा वर्ष 2005 में हुई लेकिन इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। इसलिए उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए। इस पर अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
राज्यपाल ने ली बीएयू की शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दिकी तथा बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. ओएन सिंह से विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं प्रशासनिक गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास को लेकर लगातार काम करता रहे। उन्होंने आधुनिक खेती को बढ़ावा देने को लेकर विश्वविद्यालय में हो रहे शोध की भी जानकारी लेते हुए कहा कि किसानों के विकास में विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने विश्वविद्यालय में शिक्षकों एवं अन्य कर्मियों के सभी रिक्त पदों को शीघ्र भरने के भी निर्देश दिए।