Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand high court ने महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ अपराध पर मांगी विस्तृत जानकारी, सरकार के जवाब को बताया असंतोषजनक

    By Manoj Singh Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Wed, 12 Nov 2025 11:29 PM (IST)

    झारखंड उच्च न्यायालय ने महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के जवाब पर असंतोष जताया। अदालत ने मुख्य सचिव को स्कूलवार विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है और झालसा के सुझावों पर विचार करने का निर्देश दिया है। अदालत ने सुरक्षा उपायों को लागू करने और हेल्पलाइन नंबरों को सक्रिय रखने पर भी जोर दिया।

    Hero Image

    हाई कोर्ट ने  कहा- स्कूलवार विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करे सरकार।

    राज्य ब्यूरो, रांची । हाई कोर्ट के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में महिलाओं और बच्चियों से छेड़छाड़ व अन्य अपराधों पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार के रवैये पर कड़ा असंतोष जताया। खंडपीठ ने कहा कि सरकार का जवाब अस्पष्ट है और उसमें ठोस जानकारी का अभाव है। अदालत ने मुख्य सचिव के शपथ पत्र के माध्यम से स्कूलवार विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

    मामले की अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होगी। अदालत ने कहा कि राज्य में सार्वजनिक स्थलों एवं अन्य जगह पर महिलाओं एवं बच्चियों के खिलाफ अपराध रोकने एवं उनकी सुरक्षा पर झारखंड सर्विस लीगल अथारिटी (झालसा) के सुझाव पर मुख्य सचिव विचार करें।

    सरकार की ओर से राजधानी रांची के 958 स्कूलों की जानकारी एक ही चार्ट में दी गई थी, जिसमें स्कूलों के नाम, पते और बच्चों की सुरक्षा से जुड़े उपायों का स्पष्ट विवरण नहीं था। अदालत ने कहा कि यह रिपोर्ट असंतोषजनक है। नए शपथपत्र में इसकी जानकारी दें कि प्रत्येक स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए कौन-कौन ठोस कदम उठाए गए हैं।

    पूछा- झालसा के सुझावों को लागू करने के लिए कब और कैसे कमेटी बनाई जाएगी

    कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि वर्ष 2024 में झालसा द्वारा दिए गए सुरक्षा संबंधी सुझावों को लागू करने के लिए कब और कैसे कमेटी बनाई जाएगी। अदालत ने कहा है कि महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा से जुड़े हेल्पलाइन नंबर सक्रिय रहें और उनका व्यापक प्रचार-प्रसार हो।

    प्रमुख स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, खराब कैमरों की मरम्मत, स्कूल बसों में महिला स्टाफ की नियुक्ति और स्कूलों में शिकायत पेटी की व्यवस्था पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है। प्रार्थी अधिवक्ता भारती कुमारी ने बताया कि सरकार ने स्कूलों का टेबुलर चार्ट दिया है, वह पूरी तरह से अस्पष्ट है।

    सभी स्कूलों के चेक लिस्ट से प्राप्त जानकारी को एक साथ मिलाकर प्रस्तुत किया गया है। इससे रांची के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर किन-किन सुविधाओं का अभाव है, यह पता नहीं चल पा रहा है।

    इस संबंध में अधिवक्ता भारती कुमारी ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि राज्य में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार, दुष्कर्म और छेड़खानी की घटनाएं लगातार बढ़ी है। इस पर रोक लगाने की जरूरत है।