हाई कोर्ट का आदेश, समान काम के बदले समान वेतन पर निर्णय ले हाई पावर कमेटी Ranchi News
झारखंड हाई कोर्ट ने चार सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। इस मामले में रिम्स के दो चिकित्सकों ने याचिका दाखिल की है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत में शुक्रवार को रिम्स के चिकित्सकों द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में हाई पावर कमेटी को चार सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। इस संबंध में डॉ. अनिल कुमार कमल और डॉ. लाधू लकड़ा ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि समान काम के बदले उन्हें भी समान वेतन मिलना चाहिए।
दरअसल, रिम्स में सीधी भर्ती वाले सहायक प्रोफेसर को इनसे ज्यादा वेतन मिलता है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शादाब बिन हक और देवर्षि मंडल ने अदालत को बताया कि सीधी भर्ती से नियुक्त हुए सहायक प्रोफेसर और उनके द्वारा किया जाने वाला काम समान हैैं और पद भी समान है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एक वर्ग के एक तरह के काम करने वाले को अलग-अलग वर्ग में वेतन के आधार पर नहीं बांटा जा सकता है।
इस पर अदालत ने पूर्व में एक हाई पावर कमेटी का गठन किया था और इनके मामले में निर्णय लेने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान बताया गया कि अभी तक कमेटी ने इनके मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है। इस पर अदालत ने हाई पावर कमेटी को चार सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया।
बता दें कि डॉ. अनिल कुमार कमल और डॉ. लाधू लकड़ा मेडिकल अïफसर थे, जिन्हें वर्ष 2004 में रिम्स में पदस्थापित किया गया। बाद में रिम्स में ही सहायक प्रोफेसर के पद इनकी स्थायी नियुक्ति कर दी गई। लेकिन, सीधी भर्ती से सहायक प्रोफेसर बने लोगों से इनको कम वेतन दिया जा रहा है। इसी को इन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।