ट्यूटर पद रिक्त होने पर जल्द नियुक्ति करे रिम्स: झारखंड हाई कोर्ट
शपथ पत्र का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे में तो रिम्स के पूरे प्रशासनिक टीम को बदला जा सकता है।
रांची (राज्य ब्यूरो) । झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की अदालत में रिम्स में नियुक्ति को लेकर दाखिल (आइए) हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने डॉ. मुकेश कुमार की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए रिम्स को निर्देश दिया कि अगर पद रिक्त हो तो इनकी नियुक्ति की जाए। इस दौरान शपथ पत्र में रिम्स ने नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर अपनी गलती मानी है। शपथ पत्र का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे में तो रिम्स के पूरे प्रशासनिक टीम को बदला जा सकता है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वर्ष 2017 में जो भी चिकित्सक उतीर्ण हुए हैं उनकी नियुक्ति मेरिट लिस्ट के अनुसार रिक्त पदों पर किया जाए।
लेकिन इस दौरान हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले प्रार्थियों के मामले में यथास्थिति बरकरार रखा जाए। दरअसल, वर्ष 2014 में रिम्स ने नियुक्ति के लिए नियमावली बनाई थी। इसमें कहा गया कि ट्यूटर मात्र तीन साल के लिए नियुक्त किए जाएंगे। इसके बाद वर्ष 2016 में विज्ञापन जारी हुआ और 2017 में कुछ चिकित्सकों क्वालिफाइ हुए। लेकिन हाई कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण नियुक्ति नहीं की गई। इसके बाद डॉ. मुकेश कुमार ने हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर नियुक्ति किए जाने की मांग की थी।