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रिम्स में मशीन की खरीदारी न होने पर हाई कोर्ट ने कहा- लोग कोरोना से मर रहे और अधिकारी सिर्फ बैठक कर रहे

झारखंड हाईकोर्ट में रिम्स में चिकित्सा के उपकरण खरीदारी के मामले में सुनवाई हुई। अदालत में मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि अभी तक रिम्स में सीटी स्कैन मशीन की खरीदारी नहीं होना शर्मनाक है। राज्य के अधिकारी अभी इस मामले को लेकर फिर बैठक की कर रहे हैं।

By Vikram GiriEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 01:30 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 07:12 PM (IST)
रिम्स में मशीन की खरीदारी न होने पर हाई कोर्ट ने कहा- लोग कोरोना से मर रहे और अधिकारी सिर्फ बैठक कर रहे
झारखंड हाईकोर्ट ने कहा- रिम्स में सीटी स्कैन मशीन की खरीदारी नहीं होना शर्मनाक। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डाॅ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में कोरोना से निपटने और रिम्स में चिकित्सकीय उपकरण खरीदने के मामले को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि वर्तमान समय में रिम्स जैसे राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में अपनी सीटी स्कैन मशीन सहित अन्य महत्वपूर्ण मशीन नहीं होना शर्मनाक है। रिम्स में सीटी स्कैन मशीन सहित सभी कुछ आउटसोर्स किया जाना उचित नहीं है।

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मशीन खरीदने और उसे इंस्टॉल करने में इतना लंबा समय उचित प्रतीत नहीं हो रहा है। इससे पता चलता है कि इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। आपात स्थिति में सुस्त एप्रोच ठीक नहीं है। वर्तमान हालात में जहां पर युद्धस्तर पर काम होना चाहिए, वहां सिर्फ पत्राचार कर रहे हैं। इसके बाद अदालत ने अगले सप्ताह रिम्स और सरकार को प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। सुनवाई के दौरान रिम्स की ओर से अदालत को बताया गया कि सिटी स्कैन मशीन समेत अन्य जरूरी मेडिकल उपकरणों की खरीदारी की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

इसपर अदालत ने कहा कि यह जानकारी पिछली बार भी कोर्ट की दी गई थी, आज भी यही बात कही जा रही है। अदालत इसके आगे की कार्रवाई जानना चाहती है। अदालत ने रिम्स प्रबंधन से कहा कि वह उपकरणों की जल्द डिलीवरी सुनिश्चित करे। उपकरणों के इंस्टॉल करने की प्रक्रिया भी अभी से शुरू की जाए, ताकि मशीनों के आते ही उन्हें इंस्टॉल किया जाए और कोरोना संकट में लोगों को मशीन का लाभ तत्काल मिल सके। अदालत ने रिम्स निदेशक को यह निर्देश दिया है कि सरकार के साथ बैठ कर सभी समस्याओं का हल निकालें।

रिम्स की तरफ से कोर्ट को आश्वासन दिया गया कि उपकरण खरीद से जुड़ी हुई सभी बिंदुओं का हल निकाल लिया जाएगा। वेंटिलेटर ठीक करने के लिए बुलाए गए तकनीशियन सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि झारखंड को पीएम केयर्स से दो कंपनियों से वेंटिलेटर मिले हैं। इन दोनों कंपनियों से संपर्क किया गया है और तकनीशियनों को बुलाया गया है ताकि वेंटिलेटर जल्द इंस्टॉल किया जा सके और खराब मशीनों को ठीक किया जा सके। इसके अलावा राज्य सरकार ने जिला और प्रदेश स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं ताकि बेहतर समन्वय के साथ काम हो सके। केंद्र सरकार से भी समन्वय बनाने के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है।

चार हजार कैदियों को शिफ्ट किया गया

सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि कोरोना से बचाव के लिए जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने का प्रयास जारी है। करीब 4000 कैदियों को कम भीड़ वाली जेलों में स्थानांतरित किया गया है। वर्तमान में 1200 और कैदियों की पहचान की गई है। उन्हें जल्द ही दूसरी जेलों में शिफ्ट किया जाएगा। जेल में जो नए कैदी आ रहे हैं, उन्हें सात दिनों तक आइसोलेशन में रहना पड़ रहा है। निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही उन्हें शिफ्ट किया जाता है। सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य में 1952 बाल बंदी हैं। इनमें मात्र छह संक्रमित पाए गए थे। सभी का इलाज कराया गया है। अन्य बाल कैदियों की स्थिति सामान्य है।


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