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झारखंड हाई कोर्ट ने कहा- एनकाउंटर नहीं, विकास से खत्म होगा नक्सलवाद

Jharkhand High Court Hindi News झारखंड हाई कोर्ट ने राज्‍य में नक्सली घटनाओं पर चिंता जताई। डीजीपी से पूछा कि नक्सलियों से निपटने की हमारी नीति में क्या बदलाव आया है। सरकार की नीति बहुत पुरानी है। विकास से उनमें बदलाव लाया जा सकता है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 09:27 PM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 09:30 PM (IST)
झारखंड हाई कोर्ट ने कहा- एनकाउंटर नहीं, विकास से खत्म होगा नक्सलवाद
Jharkhand High Court, Hindi News झारखंड हाई कोर्ट ने राज्‍य में नक्सली घटनाओं पर चिंता जताई।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य में नक्सली घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है। अदालत ने इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक को 16 सितंबर को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है। अदालत ने डीजीपी से पूछा है कि राज्य में नक्सली घटनाएं क्यों बढ़ रही है। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि पिछले कुछ सालों में नक्सली वारदात में कमी आई थी। पिछले डेढ़ वर्ष में घटनाएं बढ़ी हैं। यह अच्छा संकेत नहीं है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि नक्सलियों से निपटने की सरकार की नीति में क्या कोई बदलाव किया गया है या पुराने फार्मूले पर ही आपरेशन चलाए जा रहे हैं।

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मौखिक टिप्पणी में अदालत ने कहा कि सिर्फ एनकाउंटर से ही नक्सलवाद पर काबू नहीं पाया जा सकता है। कार्रवाई भी होती रहे, लेकिन राज्य के सुदूर इलाकों में विकास भी पहुंचाना होगा, ताकि व्यवस्था से रुष्ट होकर कोई नक्सली नहीं बने और जो नक्सली बन चुके हैं, उन्हें भी लगे कि सरकार उनके बारे में सोच रही है। वह मुख्यधारा में लौटने पर विचार करें। सरकार की नीति बहुत पुरानी है। विकास से उनमें बदलाव लाया जा सकता है। अदालत ने कहा कि राज्य में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं।

सरकार इनका सही तरीके से प्रचार-प्रसार व विकास नहीं कर पा रही है। पर्यटन स्थलों तक पहुंचने के लिए सड़कें अच्छी हैं। अन्य सुविधाओं और सुरक्षा की भी व्यवस्था नहीं है। सरकार को सुदूर ग्रामीण इलाकों के विकास पर ध्यान देना चाहिए, ताकि पर्यटन स्थल पर लोगों का आवागमन बढ़े। नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित कर उन्हें मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाना चाहिए। अदालत ने अगली सुनवाई पर डीजीपी को हाजिर होने का निर्देश दिया।


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