हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी, पद के लायक नहीं हैं चैनपुर एसडीओ Ranchi News
अदालत ने बुधवार को मौखिक रूप से कहा कि एसडीओ को अपने अधिकारों की जानकारी नहीं है। किराएदार से विवाद के मामले में गुमला के चैनपुर एसडीओ ने संज्ञान नहीं लिया था।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने एक मामले में सुनवाई करते हुए गुमला के चैनपुर एसडीओ पर तल्ख टिप्पणी की है। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि जब एसडीओ अपने अधिकारों के बारे में नहीं जानते हैैं, तो उन्हें उस पद बने रहने का कोई हक नहीं है। अदालत ने उन पर 11 हजार रुपये का हर्जाना लगाया और उक्त राशि प्रार्थी को देने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा अदालत ने प्रार्थी के आवेदन पर उचित निर्णय लेने का निर्देश देते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि बिनोद मिंज ने वर्ष 2018 में चैनपुर एसडीओ के यहां आवेदन दिया कि उनके मकान में रहने वाले किराएदार रेंट नहीं दे रहा और न ही मकान खाली कर रहा है। इसलिए उनका मकान खाली कराया जाए।
इस आवेदन पर एसडीओ ने कोई कार्रवाई नहीं की और मौखिक रूप से कहा कि इसके लिए उन्हें निचली अदालत में आवेदन देना चाहिए। इस पर अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि एसडीओ को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं होने की वजह से प्रार्थी को हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करनी पड़ी। इसलिए एसडीओ अपने पास से प्रार्थी को 11 हजार रुपये हर्जाने रूप में देने होंगे। अदालत ने एसडीओ को प्रार्थी के आवेदन पर उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया है।