व्याख्याता नियुक्ति घोटाला मामले में फैसला सुरक्षित
रांची झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत में सोमवार को व्याख्याता नियुक्ति घोटाले के कई आरोपितों की अग्रिम जमानत पर याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत में सोमवार को व्याख्याता नियुक्ति घोटाले के कई आरोपितों की अग्रिम जमानत पर याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि इस मामले में सीबीआइ जांच में साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों के साथ किसी अभ्यर्थी की मिलीभगत की बात सामने नहीं आई है। सीबीआइ निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, ऐसे में अब जांच बाकी नहीं है। अभ्यर्थियों ने जांच में पूरा सहयोग किया है। अब उनके फरार होने की संभावना नहीं है। इसलिए उन्हें अग्रिम जमानत मिलनी चाहिए। सीबीआइ की ओर से प्रार्थियों की बहस का विरोध किया गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। बता दें कि वर्ष 2008 में झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की ओर से व्याख्याताओं की नियुक्ति की गई थी। आरोप है कि साक्षात्कार सहित अन्य परीक्षा के अंक में हेराफेरी कर गलत तरीके से नियुक्ति की गई है। इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही है।
-------------- छठी जेपीएससी मामले में सुनवाई पांच अगस्त को
रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में सोमवार को झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की छठी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के मामले में दाखिल याचिका पर आंशिक सुनवाई हुई। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान अदालत ने इस मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए पाच अगस्त की तिथि निर्धारित की है। इसी दिन छठी जेपीएससी परीक्षा परिणाम को चुनौती देने वाली कई अन्य याचिकाओं पर भी सुनवाई होनी है। बता दें कि प्रशात कुमार ने याचिका दाखिल कर छठी जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के परिणाम को चुनौती दी है।
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