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हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका खारिज

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में हिदी शिक्षक नियुक्ति मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने उक्त याचिका अधिसूचित जिले की होने की वजह से खारिज कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 01:03 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 01:03 AM (IST)
हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका खारिज
हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका खारिज

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में हिदी शिक्षक नियुक्ति मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने उक्त याचिका अधिसूचित जिले की होने की वजह से खारिज कर दिया। दरअसल हाई कोर्ट की वृहद पीठ ने सोनी कुमारी के मामले में सुनवाई करते हुए अधिसूचित जिले के हाईस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति को रद कर दिया है। इसी के आधार पर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। इस संबंध में लातेहार के रहने वाले सत्येंद्र पासवान ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि उन्होंने हिदी शिक्षक के लिए आवेदन दिया था, लेकिन जेएसएससी ने उनके आवेदन को रद कर दिया है। जेएसएससी का कहना था कि विज्ञापन की शर्तो के अनुरूप इनकी शैक्षणिक योग्यता नहीं होने की वजह से इनका आवेदन रद किया गया है।

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----- हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में मॉडल पेपर को लेकर सुनवाई टली राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड हाई कोर्ट में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में मॉडल पेपर को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई टल गई। यह मामला हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व डा. एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। मंगलवार को सुनवाई के लिए खंडपीठ नहीं बैठी थी, इसलिए सुनवाई टल गई। इस मामले में एकल पीठ ने प्रार्थी के आवेदन को खारिज कर दिया था और जेएसएससी के जवाब को सही माना था। दरअसल जेएसएससी ने कहा था कि मॉडल पेपर में एक-दो प्रश्न-उत्तर गलत थे, लेकिन उसके अंक सभी अभ्यर्थियों को समान रूप से दे दिए गए थे। इसके बाद भी प्रार्थी प्रशांत कुमार ने एकल पीठ के आदेश को हाई कोर्ट की खंडपीठ में चुनौती दी है। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने जेएसएससी और राज्य सरकार से जवाब मांगा था। जेएसएससी का कहना है कि हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में ली गई परीक्षा के दौरान मॉडल पेपर के प्रश्न-उत्तर गलत होने की वजह से सभी अभ्यर्थियों को उसका अंक दे दिया गया है। वहीं, इस याचिका में कुछ अभ्यर्थी अधिसूचित जिले से आते हैं जिनके मामले में वृहद पीठ ने फैसला सुनाते हुए उनकी नियुक्ति रद कर दी है। हालांकि इस याचिका में गैर अनुसूचित जिले के भी अभ्यर्थी शामिल हैं जिन्हें इस याचिका से अलग कर सुनवाई करनी चाहिए।

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