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झारखंड हाई कोर्ट का आदेश, संविदा पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षकों को नियमित करें

Jharkhand High Court Deoghar News Hindi News Women Supervisors देवघर की प्रियंका कुमारी सहित 23 ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अदालत ने दस सप्ताह में महिला बाल विकास सचिव को नियमित करने का आदेश दिया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 06:31 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 06:59 PM (IST)
झारखंड हाई कोर्ट का आदेश, संविदा पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षकों को नियमित करें
Jharkhand High Court, Deoghar News देवघर की प्रियंका कुमारी सहित 23 ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डा. एसएन पाठक की अदालत में महिला पर्यवेक्षक को नियमित करने की मांग वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में दस सप्ताह के अंदर महिला बाल विकास सचिव को इन्हें नियमित करने का आदेश दिया है। इससे पहले प्रार्थियों को सचिव के यहां आवेदन देना होगा।

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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने उमा देवी बनाम कर्नाटक सरकार के मामले में दस साल सेवा देने वालों को स्वीकृत पद होने पर नियमित करने का आदेश पारित किया है। इस संबंध में देवघर की महिला पर्यवेक्षक प्रियंका कुमारी सहित 23 अन्य वादियों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राधा कृष्णा गुप्ता ने अदालत को बताया कि राज्य कई जिलों में महिला पर्यवेक्षकों को नियमित और कई जिलों में संविदा पर नियुक्ति की गई है।

प्रार्थी देवघर जिले में वर्ष 2005 से ही संविदा पर कार्य कर रहे हैं। जबकि उक्त जिले में महिला पर्यवेक्षक के 30 पद रिक्त हैं। ऐसे में उमा देवी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश और राज्य सरकार की ओर से नियमितीकरण नियमावली-2015 के अनुसार इन्हें भी नियमित किया जाना चाहिए। लेकिन राज्य सरकार की ओर से अभी तक ऐसा नहीं किया गया है।

इस पर अदालत ने प्रार्थियों को महिला बाल विकास सचिव के यहां आवेदन देने के लिए कहा है। अदालत ने सचिव को निर्देश दिया है कि इस आवेदन पर दस सप्ताह में प्रक्रिया पूरी करते हुए सभी को नियमित करें। इसके साथ ही अदालत ने उक्त याचिका को निष्पादित कर दिया।


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