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Antriksh Death case: अब CBI करेगी डीपीएस के छात्र अंतरिक्ष शनिग्रहि की मौत की जांच

Antriksh Death case रांची में 25 जुलाई 2016 को हुई डीपीएस के छात्र अंतरिक्ष शनिग्रहि की संदिग्ध परिस्थिति में मौत की जांच सीबीआइ करेगी। पुलिस रिपोर्ट और मृतक की मां के आग्रह पर हाई कोर्ट से आदेश जारी होने के बाद अब सीबीआइ जांच का रास्ता साफ हो गया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 09:56 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 04:33 AM (IST)
Antriksh Death case: अब CBI करेगी डीपीएस के छात्र अंतरिक्ष शनिग्रहि की मौत की जांच
Antriksh Death case: मृतक की मां के आग्रह पर अब सीबीआइ जांच का रास्ता साफ हो गया है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Antriksh Death case रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र में 25 जुलाई 2016 को हुई डीपीएस के छात्र अंतरिक्ष शनिग्रहि की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के मामले की जांच सीबीआइ करेगी। पुलिस की रिपोर्ट और मृतक की मां के आग्रह पर हाई कोर्ट से आदेश जारी होने के बाद अब सीबीआइ जांच का रास्ता साफ हो गया है। अंतरिक्ष की मां और नाना के मुताबिक अंतरिक्ष की मां रूपाली व पिता सुभाशीष के बीच आपसी मतभेद था। दोनों अलग हो गए थे।

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अंतरिक्ष अपनी मां के साथ रहकर डीपीएस में पढ़ता था। वह इकलौता बेटा था। अंतरिक्ष पढ़ाई के लिए पिता से खर्च मांगता था, जिससे वे लोग नाराज रहते थे। संपत्ति में हिस्सा न मिले, इसलिए उसकी गाड़ी में धक्का मारकर उसकी हत्या करवा दी गई। तब पुलिस ने अंतरिक्ष की मौत को सड़क हादसा माना था। जबकि, घटना के बाद से ही लगातार मृतक की मां यह आरोप लगा रही है कि एक साजिश के तहत अंतरिक्ष को रास्ते से हटाया गया है। 

पूर्व में सीबीआइ कर चुकी है जांच से इन्कार

पुलिस मुख्यालय के आदेश पर अपराध अनुसंधान विभाग की टीम ने अंतरिक्ष की मौत मामले की जांच की थी। तत्कालीन सीआइडी के एडीजी अनुराग गुप्ता ने 20 अगस्त 2019 को पुलिस मुख्यालय से पत्राचार कर इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआइ से कराने की अनुशंसा की थी। सीआइडी की अनुशंसा की समीक्षा के बाद राज्य सरकार ने सीबीआइ से जांच की अनुशंसा भी कर दी थी, लेकिन सीबीआइ ने जांच से इन्कार कर दिया था। 

एक दारोगा हो चुके हैं निलंबित, सीआइडी भी बेनतीजा

अंतरिक्ष की मौत पर सवाल उठाने वाली पीडि़ता तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के जनता दरबार में भी पहुंच गई थी। उसने बताया था कि उसके बेटे की मौत के बाद पुलिस ने उनका बयान तक नहीं लिया। इस मामले को मुख्यमंत्री ने भी गंभीरता से लिया था और तब रांची के तत्कालीन एसएसपी को फटकार भी लगाई थी। अरगोड़ा के तत्कालीन दारोगा (कांड के अनुसंधानकर्ता) निलंबित किए गए थे। इसके बाद ही अनुसंधान की जिम्मेदारी सीआइडी को दी गई थी। सीआइडी के तत्कालीन एडीजी एमवी राव ने भी तत्कालीन अरगोड़ा थानेदार रतिभान सिंह को इसलिए फटकारा था कि उन्होंने मृतक की मां का बयान नहीं लिया था। 

मां का आरोप

मूल रूप से बोकारो निवासी रूपाली के अनुसार उनके बेटे की मौत दुर्घटना नहीं, बल्कि उसकी हत्या जान-बूझकर गाड़ी में ठोकर मारकर की गई है। इस मामले में उन्होंने अपने पति सुभाशीष, चाचा देवाशीष शनिग्रहि, देवाशीष की पत्नी झरना और ससुर सुजाय चंद्र शनिग्रहि को आरोपित किया था। इस पूरे प्रकरण में रांची के अरगोड़ा थाने में दो अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज हैं।


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