रिम्स निदेशक हाई कोर्ट में तलब, 4 नवंबर को अदालत में हाजिर होने का आदेश
Jharkhand. रिम्स की लचर व्यवस्था को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने अदालत में कहा कि रिम्स पांच नए विभाग खोलने का प्रस्ताव भेजे।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में रिम्स की व्यवस्था में सुधार को लेकर सुनवाई हुई। अदालत ने रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह को चार नवंबर को हाई कोर्ट में सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया है। अदालत ने उनसे पूछा है कि रिम्स के चिकित्सकों की निजी प्रैक्टिस पर कैसे रोक लगेगी?। अदालत यह भी जानना चाहती है कि निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है? मामले में अगली सुनवाई चार नवंबर को होगी। मामले में अधिवक्ता वंदना सिंह ने पैरवी की।
निजी प्रैक्टिस रोकना निदेशक का काम
सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि रिम्स के चिकित्सकों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने जिम्मेदारी रिम्स निदेशक की है। औचक निरीक्षण करके भी चिकित्सकों की उपस्थिति का आकलन किया जा सकता है और ड्यूटी से गायब होने वाले चिकित्सकों को शोकॉज जारी कर उनसे जवाब मांगा जा सकता है। उनके खिलाफ कार्रवाई होने से चिकित्सकों में संदेश जाएगा।
निदेशक को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि चिकित्सक अपने ड्यूटी के समय रिम्स में मौजूद रहें। रिम्स के मरीजों को चिकित्सक अपने क्लीनिक में भेजते हैैं उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। अदालत ने कहा कि चिकित्सकों द्वारा मरीजों के परिजनों से चिकित्सकीय उपकरण मंगाए जाते हैं। रिम्स को इन उपकरणों के मूल्य की सूची जारी करनी चाहिए ताकि मरीजों को उचित मूल्य पर उपकरण मिल सकें।
रिम्स के अधिवक्ता डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि रिम्स में चिकित्सकों के रिक्त पदों को जल्द ही भरा जाएगा। चिकित्सकों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार को मदद करनी चाहिए। सरकार विशेष विजिलेंस टीम बनाकर इस पर नियंत्रण कर सकती है। अदालत ने रिम्स में टीचिंग एवं नन टिचिंग चिकित्सक के अलावा ट्रामा सेंटर एंड पेइंग वार्ड के 54 पद तथा कार्डियोथेरासिक सर्जरी एवं अन्य विभाग के 63 रिक्त पदों पर होने वाली नियुक्ति के बारे में जानकारी मांगी है।
नए विभागों का प्रस्ताव भेजे रिम्स: सरकार
सुनवाई के दौरान सरकार ने रिम्स की स्थिति में सुधार के लिए सभी तरह से सहयोग देने को कहा है। सरकार की ओर से बताया गया कि रिम्स में न्यूक्लियर मेडिसीन, इंडोक्रिनोलॉजी, गैसट्रोइंडोक्रिनोलॉजी, फिजिकल मेडिकल रिहैब (पीएमआर) एवं हेमटलॉजी विभाग खोलने के लिए रिम्स से प्रस्ताव मांगा गया है।
प्रस्ताव मिलने के बाद केंद्र सरकार के सहयोग से इन विभागों को खोलने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी ताकि मरीजों को रांची में ही इसका लाभ मिल सके। इस पर अदालत ने केंद्र सरकार को भी मामले में प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है ताकि इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके।