जैप-9 से बर्खास्त किए गए 269 कर्मियों को दोबारा बहाल करने का निर्देश Ranchi News
Jharkhand. अदालत ने सुनवाई के बाद सरकार को निर्देश दिया। जैप-9 में रसोइया नाई धोबी और झाड़ूकस के पद पर नियुक्ति हुई थी। गड़बड़ी की शिकायत पर सरकार ने विज्ञापन रद किया था।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसके तहत जैप-9 में नियुक्ति हुए 269 अभ्यर्थियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। जस्टिस एके द्विवेदी की अदालत ने बर्खास्त किए गए सभी अभ्यर्थियों को दोबारा बहाल करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है। दरअसल, 22 अगस्त 2015 को जैप-9 में रसोइया, नाई, धोबी और झाड़ूकस के 269 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था।
इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने हरिनारायण राम महली की अध्यक्षता में चयन बोर्ड का गठन किया था। नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुछ अभ्यर्थियों ने पैसे लेकर नियुक्ति करने की शिकायत की थी। जांच के बाद पुलिस मुख्यालय ने पांच जुलाई 2016 को विज्ञापन रद करते हुए सभी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई।
सुनवाई के दौरान वादी की ओर से अधिवक्ता अपूर्व सिंह और गौरव राज ने अदालत को बताया कि बिना कारण बताए ही उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। सरकार ने इस मामले में जांच कर दोषियों को चिन्हित नहीं किया, बल्कि सभी को बर्खास्त कर दिया है, जो कि गलत है। इस दौरान उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया गया। इसमें कहा गया है कि विज्ञापन रद नहीं किया जा सकता है, गड़बड़ी करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई करनी है।
इस दौरान सरकार की ओर से अदालत को बताया कि इस मामले की जांच की गई, लेकिन भ्रष्ट लोगों को चिन्हित नहीं किया जा सका। इसलिए गड़बड़ी को देखते हुए सभी लोगों को बर्खास्त कर दिया गया। बता दें कि विकेश कुमार व अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई थी।