तब निचली अदालत ने कहा था-बड़े साजिशकर्ता हैं लालू यादव, CBI के कड़े रुख से फिर बढ़ीं मुश्किलें; जानें पूरा मामला
सीबीआइ ने राजद सुप्रीमो समेत छह दोषियों की सजा बढ़ाने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिस पर नोटिस जारी कर सभी सजायाफ्ता से दो हफ्ते में जवाब मांगा गया है।
रांची, [जागरण स्पेशल]। तब रांची की विशेष सीबीआइ अदालत के जज शिवपाल सिंह (CBI Special Judge Shivpal Singh) ने देश के बहुचर्चित चारा घोटाले (Fodder Scam) के देवघर कोषागार मामले में सजा सुनाते हुए कहा था कि इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) बड़े साजिशकर्ता हैं। लेकिन, निचली अदालत ने उन्हें सिर्फ साढ़े तीन साल की सजा दी। सीबीआइ (CBI) ने 'लालू बड़े साजिशकर्ता, फिर भी साढ़े तीन साल की सजा' को अब इस केस में बड़ा हथियार बना लिया है। ऐसे में केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) अदालत के फैसले को अाधार बनाकर लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की सजा बढ़ाने को लेकर गंभीर हो गई है। इससे आने वाले दिनों में लगातार खराब सेहत और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में लालू (Lalu Prasad Yadav) समेत छह आरोपियों की सजा बढ़ाने पहुंची केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने अपनी याचिका में कहा है कि वे बड़े साजिशकर्ता (Higher Conspirator) हैं तो सजा साढ़े तीन साल क्यों, सात साल क्यों नहीं। वह भी तब जब एक बड़े साजिशकर्ता (Higher Conspirator) डॉ जगदीश शर्मा (Dr Jagdish Sharma Bihar) को सात साल की सजा दी गई है। अब इस मामले में सीबीआइ के कड़े और ताजा रुख से लालू प्रसाद यादव समेत सभी छह आरोपियों की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। झारखंड उच्च न्यायालय में आगे की सुनवाई के लिए इन सभी आरोपियों से 14 दिनों में नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
CBI Special Judge Shivpal Singh. विशेष सीबीआइ अदालत के जज शिवपाल सिंह ने चारा घोटाले के मामले में लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी।
बीते सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट ने चारा घोटाला के देवघर मामले में सीबीआइ की याचिका पर सुनवाई करते हुए लालू प्रसाद यादव, आरके राणा सहित सभी छह सजायाफ्ता को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब देेने को कहा है। उच्च न्यायालय में जस्टिस एके गुप्ता और जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान सीबीआइ के अधिवक्ता राजीव नंदन प्रसाद ने पूरी मजबूती से अपना पक्ष रखा।
सीबीआइ की ओर से कहा गया कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद, डॉ. आरके राणा, बेक जूलियस, अधीप चंद्र चौधरी, महेश प्रसाद, फूलचंद्र सिंह और सुबीर भट्टाचार्य को साढ़े तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। जबकि इसी मामले में डॉ जगदीश शर्मा को सात साल की सजा सुनाई गई है। सजा पाने वाले सभी लोग ऊंचे पद पर पदस्थापित थे और इनपर उच्चस्तरीय षड्यंत्र रचने का आरोप है।
ऐसे में जब मामला साबित हो गया है, तो सभी को एक ही तरह की सजा मिलनी चाहिए। लेकिन, सीबीआइ कोर्ट ने सिर्फ जगदीश शर्मा को ही सात साल की सजा दी है, बाकि को साढ़े तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। इसलिए सभी की सजा को बढ़ाकर सात साल किया जाए। इस पर अदालत ने लालू प्रसाद, आरके राणा सहित सभी छह सजायाफ्ता को नोटिस जारी किया है।
लालू प्रसाद यादव समेत 6 सजायाफ्ता को झारखंड हाईकोर्ट का नोटिस
केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआइ का कहना है कि लालू प्रसाद यादव समेत सभी छह सजायाफ्ता को निचली अदालत ने हायर कॉन्सपिरेसी का दोषी माना है। जबकि इस तरह के आरोप में सजा सिर्फ साढ़े तीन साल दी गई है। इस तरह के आरोप में जगदीश शर्मा को सात साल की सजा दी गई, तो बाकी 6 सजायाफ्ता को भी सात साल की सजा होनी चाहिए। इस पर अदालत ने सभी सजायाफ्ता को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
सीबीआइ ने की 7 साल सजा की मांग
सीबीआइ के वकील राजीव नंदन प्रसाद ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश पर लालू प्रसाद यादव समेत सभी छह सजायाफ्ता को नोटिस भेजा जा रहा है। 14 दिनों में इस नोटिस पर सभी का जवाब मिलने के बाद आगे की सुनवाई होगी। वे सभी दोषियों के खिलाफ साढ़े तीन साल की सजा को बढ़ाकर सात साल किए जाने पर अदालत में अपना पक्ष पूरी मजबूती से रखेंगे।
रिम्स में अपनी गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे हैं लालू प्रसाद
लालू प्रसाद यादव फिलहाल रांची के रिम्स में अपनी गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे हैं। बीते दिन उनकी किडनी भी ठीक से काम नहीं कर रही थी। हालांकि डॉक्टरों की गहन देखरेख में रहने वाले लालू की सेहत में सुधार हुआ है। लालू का इलाज कर रहे डॉ डीके झा ने बताया है कि उनकी किडनी 60 फीसद से अधिक फंक्शन कर रही है। शूगर और ब्लड प्रेशर भी नॉर्मल है।