Jharkhand High Court: राजा पीटर की जमानत सुनवाई में हाईकोर्ट ने अपना फैसला रखा सुरक्षित... क्या है मामला, जानें...
Jharkhand High Court News पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या के मामले में आरोपित पूर्व मंत्री राजा पीटर की जमानत याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand High Court News झारखंड के पूर्व मंत्री राजा पीटर की जमानत पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सभी पक्षों के सुनने के बाद जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा के अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। राजा पीटर उर्फ़ गोपाल कृष्ण पातर पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में जेल में बंद है। उनकी ओर से याचिका दाखिल कर हाई कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई गई है।
बता दें कि वर्ष 2008 में बुंडू में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा पहुंचे थे। इसी दौरान नक्सलियों ने हमला बोल दिया था। इस हमले में रमेश सिंह की मौत हो गई थी।
फर्जी डिग्री विवाद: दर्ज प्राथमिकी सहित निचली अदालत की कार्यवाही को निरस्त
डिग्री विवाद से जुड़े गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से सरकार की बहस का आज झारखंड हाई कोर्ट में जवाब दिया जाना था। हाई कोर्ट में सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ फर्जी डिग्री मामले में दर्ज प्राथमिकी सहित निचली अदालत की कार्यवाही को निरस्त कर दिया है। यह मामला जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी। मंगलवार को सरकार की ओर से बहस पूरी कर ली गई थी। सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ एमबीए की डिग्री फर्जी होने का हवाला देकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग को लेकर निशिकांत दुबे ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
राज्य सरकार की ओर से सुनवाई के दौरान क्या कहा गया था...
मंगलवार को सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से कहा गया था कि निशिकांत दुबे ने वर्ष 2009 और 2014 के चुनाव में एमबीए की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त करने की जानकारी दी है। झूठी डिग्री का हवाला देकर उन्होंने लोगों में भ्रम फैलाया है। इस मामले में पुलिस ने जांच पूरी करते हुए इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस पर निचली अदालत की ओर से संज्ञान भी सही धाराओं में लिया गया है।
भारत निर्वाचन आयोग में की गई थी शिकायत
वहीं, मामले में भारत निर्वाचन आयोग में शिकायत की गई थी। उन्होंने बिना जांच किए ही शिकायत को खारिज कर दिया, जिसे दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। यहां सुनवाई लंबित है। मामले में पुलिस की कार्रवाई नियमानुसार बिल्कुल सही है। पुलिस को ऐसा करने का अधिकार भी है।
इस दौरान निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया कि इसकी शिकायत आयोग को मिली थी। आयोग ने इस मामले में कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी। पुलिस की ओर से की जा रही कार्रवाई से आयोग को कोई लेना नहीं है। इस दौरान सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद और चुनाव आयोग की ओर से डा. अशोक कुमार सिंह ने पक्ष रखा।