कोर्ट ने सही ठहराया सूचना नहीं देने पर 25 हजार जुर्माना का आदेश Ranchi News
Jharkhand. राज्य सूचना आयोग के आदेश को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अदालत ने प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने राज्य सूचना आयोग के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें उन्होंने ससमय सूचना नहीं देने पर जन सूचना पदाधिकारी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आयोग के आदेश के बाद भी प्रार्थी की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है इसलिए उनकी याचिका खारिज की जाती है।
दरअसल गढ़वा के वन संरक्षक, प्रादेशिक अंचल के कार्यालय अधीक्षक सह जन सूचना पदाधिकारी रामजनम राम ने सूचना आयोग के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान राज्य सूचना आयोग के अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने अदालत को बताया कि सच्चिदानंद पांडेय ने जन सूचना पदाधिकारी से आरटीआइ के तहत सूचना मांगी थी, लेकिन इन्होंने ससमय सूचना नहीं दी।
इसके बाद वादी की ओर से सूचना आयोग में अपील दाखिल की गई। आयोग ने इस पर सुनवाई के बाद जन सूचना पदाधिकारी से समय से सूचना नहीं देने का कारण पूछा था। लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद आयोग ने फरवरी 2015 को उनपर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया। अदालत को बताया गया कि आरटीआइ एक्ट में समय से सूचना देने का प्रावधान हैं। अगर सूचना समय से नहीं दी जाती है तो आयोग को जुर्माना लगाने का अधिकार है। प्रार्थी की ओर से इसका विरोध किया गया।