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Jharkhand High Court: दलबदल मामले में 6 विधायकों को नोटिस, 4 हफ्ते में मांगा जवाब

Jharkhand Assembly Speaker Defection Judgement Case. झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव ने स्‍पीकर कोर्ट द्वारा दलबदल पर दिए गए फैसले को चुनौती दी है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 12:28 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 05:13 PM (IST)
Jharkhand High Court: दलबदल मामले में 6 विधायकों को नोटिस, 4 हफ्ते में मांगा जवाब
Jharkhand High Court: दलबदल मामले में 6 विधायकों को नोटिस, 4 हफ्ते में मांगा जवाब

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड हाई कोर्ट में दलबदल मामले में विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सभी छह विधायकों को नोटिस जारी किया है। इन विधायकों को चार हफ्ते में उच्‍च न्‍यायालय में अपना जवाब दाखिल करना होगा। मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी। गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दलबदल के आरोपित सभी छह विधायकों को नोटिस जारी किया है। झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो पूर्व मुख्‍यमंत्री बाबूलाल मरांडी और झाविमो महासचिव प्रदीप यादव की और झारखंड विधानसभा के स्पीकर के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए इससे पहले चुनाव आयोग से भी जवाब मांगा गया है।

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बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट में दलबदल मामले में विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान वादी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देने पर सुनवाई के लिए नई तारीख तय कर दी गई थी। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सभी छह विधायकों को नोटिस जारी किया।

मालूम हो कि झारखंड विधानसभा अध्‍यक्ष दिनेश उरांव के कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद झारखंड विकास मोर्चा के छह विधायकों का भाजपा में विलय को सही और संवैधानिक करार दिया था। दरअसल बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव ने विधायक नवीन जायसवाल, अमर बाउरी, गणेश गंझू, रणधीर सिंह, आलोक चौरसिया और जानकी प्रसाद के भाजपा में शामिल होने पर विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने के लिए स्पीकर के पास याचिका दाखिल की थी।

सुनवाई के दौरान इन विधायकों का कहना था कि झाविमो का भाजपा में विलय हो गया है। स्पीकर ने झाविमो के छह विधायकों के भाजपा में विलय को सही ठहराया था और बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव की याचिका खारिज कर दी। इसी आदेश को दोनों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।


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