Jharkhand Mob Lynching: तबरेज अंसारी की मौत पर SDM की रिपोर्ट, पुलिस-डॉक्टर जिम्मेदार
कोर्ट ने इस बात से नाराजगी जताई कि 5 जुलाई को एकरा मस्जिद के पास हुई घटना पर जवाब क्यों नहीं दिया गया है। अदालत ने 31 जुलाई तक एकरा मस्जिद की घटना की जानकारी मांगी है।
By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 01:02 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 10:36 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। मॉब लिंचिंग में तबरेज अंसारी की मौत के मामले में सरायकेला एसडीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में तीन चिकित्सकों और पुलिसकर्मियों को दोषी पाते हुए कार्रवाई करने की अनुसंशा की है। रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार कार्रवाई कर रही है। इसके अलावा इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है। कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। हाई कोर्ट के जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस दीपक रौशन की अदालत में मॉब लिंचिंग के मामले में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने उक्त जानकारी दी।
इस संबंध में पंकज कुमार यादव की ओर से जनहित याचिका दाखिल कर सीबीआइ जांच की मांग की गई है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने सरकार की ओर से दाखिल शपथ पत्र को पढ़कर सुनाया। जिसमें एसडीएम की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने और मामले में दो प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने की बात कही गई है। अधिवक्ता राजीव कुमार ने डोरंडा के राजेंद्र चौक के पास वर्ष 2000 में डीएसपी यूसी झा की हत्या का मामला उठाया। जिस पर अदालत ने कहा कि इस मामले में सभी आरोपित इसलिए बरी हो गए क्योंकि किसी ने भी गवाही दर्ज नहीं कराई।
पुलिस ने नहीं दिखाई तत्परता
सरायकेला एसडीएम की रिपोर्ट में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने अपने उच्च अधिकारियों को गलत जानकारी दी और तबरेज के जख्मों को गंभीरता से नहीं लिया। चोरी की घटना में प्राथमिकी दर्ज नहीं की। तबरेज की मौत के बाद पुलिस ने काउंटर प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की। इसके अलावा पुलिस ने तबरेज द्वारा उसे पीटे जाने के बयान को सही तरीके से दर्ज नहीं किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉ. ओपी केसरी, डॉ. शाहीद और डॉ. प्रदीप कुमार ने घटना के बाद तबरेज अंसारी की चिकित्सकीय जांच की थी। जिसमें उन्होंने सामान्य चोट बताई थी, लेकिन तबरेज को सांस लेने में दिक्कत और ज्यादा तबीयत खराब होने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी 22 जून की सुबह 8.45 बजे मौत हो गई।
डंडे से पीटने पर तबरेज की मौत
तबरेज अंसारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण डंडे से पीटा जाना बताया गया है, हालांकि इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद भी इसे अंतिम रिपोर्ट मानी जाए।
एकरा मस्जिद की घटना की मांगी रिपोर्ट
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से दाखिल शपथ पत्र में पांच जुलाई 2019 को एकरा मस्जिद के पास हुई घटना का जिक्र नहीं होने पर अदालत ने नाराजगी जताई। प्रार्थी की ओर से चाकूबाजी में घायल विजय कुमार का मुद्दा उठाया गया। जिस पर अदालत ने पूरी रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया।
डोरंडा के उपद्रव में प्राथमिक दर्ज
तबरेज अंसारी की मौत के बाद पांच जुलाई को डोरंडा उर्स मैदान में मुस्लिम संगठनों की ओर से बैठक बुलाई गई थी। इसके बाद डोरंडा के राजेंद्र चौक पर वाहनों में तोडफ़ोड़ की गई। इस दौरान छात्रों से भरी एक बस में आग लगाने का प्रयास किया गया। पुलिस ने इस मामले में सभा आयोजित करने वाले कांग्र्रेस नेता शमशेर आलम, मौलाना ओबैदुल्ला कासमी, मौलाना असगर मिसवाही, शहर-ए-काजी कारी जान मोहम्मद, इजाज गद्दी, मो. सलाउद्दीन उर्फ संजू, आजम मोहम्मद, मो. शाहिद पर हत्या का प्रयास (307) के तहत नामजद और 200 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इस संबंध में पंकज कुमार यादव की ओर से जनहित याचिका दाखिल कर सीबीआइ जांच की मांग की गई है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने सरकार की ओर से दाखिल शपथ पत्र को पढ़कर सुनाया। जिसमें एसडीएम की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने और मामले में दो प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने की बात कही गई है। अधिवक्ता राजीव कुमार ने डोरंडा के राजेंद्र चौक के पास वर्ष 2000 में डीएसपी यूसी झा की हत्या का मामला उठाया। जिस पर अदालत ने कहा कि इस मामले में सभी आरोपित इसलिए बरी हो गए क्योंकि किसी ने भी गवाही दर्ज नहीं कराई।
पुलिस ने नहीं दिखाई तत्परता
सरायकेला एसडीएम की रिपोर्ट में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने अपने उच्च अधिकारियों को गलत जानकारी दी और तबरेज के जख्मों को गंभीरता से नहीं लिया। चोरी की घटना में प्राथमिकी दर्ज नहीं की। तबरेज की मौत के बाद पुलिस ने काउंटर प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की। इसके अलावा पुलिस ने तबरेज द्वारा उसे पीटे जाने के बयान को सही तरीके से दर्ज नहीं किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉ. ओपी केसरी, डॉ. शाहीद और डॉ. प्रदीप कुमार ने घटना के बाद तबरेज अंसारी की चिकित्सकीय जांच की थी। जिसमें उन्होंने सामान्य चोट बताई थी, लेकिन तबरेज को सांस लेने में दिक्कत और ज्यादा तबीयत खराब होने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी 22 जून की सुबह 8.45 बजे मौत हो गई।
डंडे से पीटने पर तबरेज की मौत
तबरेज अंसारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण डंडे से पीटा जाना बताया गया है, हालांकि इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद भी इसे अंतिम रिपोर्ट मानी जाए।
एकरा मस्जिद की घटना की मांगी रिपोर्ट
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से दाखिल शपथ पत्र में पांच जुलाई 2019 को एकरा मस्जिद के पास हुई घटना का जिक्र नहीं होने पर अदालत ने नाराजगी जताई। प्रार्थी की ओर से चाकूबाजी में घायल विजय कुमार का मुद्दा उठाया गया। जिस पर अदालत ने पूरी रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया।
डोरंडा के उपद्रव में प्राथमिक दर्ज
तबरेज अंसारी की मौत के बाद पांच जुलाई को डोरंडा उर्स मैदान में मुस्लिम संगठनों की ओर से बैठक बुलाई गई थी। इसके बाद डोरंडा के राजेंद्र चौक पर वाहनों में तोडफ़ोड़ की गई। इस दौरान छात्रों से भरी एक बस में आग लगाने का प्रयास किया गया। पुलिस ने इस मामले में सभा आयोजित करने वाले कांग्र्रेस नेता शमशेर आलम, मौलाना ओबैदुल्ला कासमी, मौलाना असगर मिसवाही, शहर-ए-काजी कारी जान मोहम्मद, इजाज गद्दी, मो. सलाउद्दीन उर्फ संजू, आजम मोहम्मद, मो. शाहिद पर हत्या का प्रयास (307) के तहत नामजद और 200 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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