कुख्यात सुरेंद्र बंगाली का आपराधिक रिकॉर्ड गायब, झारखंड हाई कोर्ट ने बनाई जांच कमेटी
Jharkhand High Court कमेटी को यह बताने कहा गया है कि रिकॉर्ड गायब होने में दोषी कौन है और दोबारा रिकॉर्ड तैयार करने में दिलचस्पी क्यों नहीं दिखाई गई। 1987 में सुरेंद्र बंगाली के खिलाफ डोरंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने सुरेंद्र सिंह रौतेला उर्फ सुरेंद्र बंगाली के गायब आपराधिक मामले के रिकॉर्ड की जांच का आदेश दिया है। सुरेंद्र बंगाली की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने इसकी जांच के लिए सेवानिवृत्त जिला और सत्र न्यायाधीश जीके राय की एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। उक्त कमेटी को दो माह में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश अदालत ने दिया है।
कमेटी को यह बताने को कहा गया है कि रिकॉर्ड गायब होने के लिए दोषी कौन है और दोबारा रिकॉर्ड तैयार करने में दिलचस्पी क्यों नहीं दिखाई गई। इस संबंध में सुरेंद्र सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि वर्ष 1987 में उनके खिलाफ डोरंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में आरोप पत्र भी दाखिल किया गया है, लेकिन अभी तक इसकी सुनवाई शुरू नहीं हुई है।
इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने निचली अदालत से रिपोर्ट मांगी थी। निचली अदालत को हाई कोर्ट की ओर से रिमाइंडर भी दिया गया। इसके बाद निचली अदालत ने बताया कि संबंधित मामले का रिकॉर्ड गायब है। इस कारण इस पर सुनवाई नहीं हो रही है। इसके बाद हाई कोर्ट ने रिटायर जिला एवं सत्र न्यायाधीश को मामले की जांच का आदेश दिया।