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झारखंड में इतिहास के शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ Ranchi News

राज्य में अब इतिहास के शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट ने इतिहास विषय को लेकर विज्ञापन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 01:25 PM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 04:34 PM (IST)
झारखंड में इतिहास के शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ Ranchi News
झारखंड में इतिहास के शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में अब इतिहास के शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। मंगलवार को चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा जारी विज्ञापन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने एकलपीठ के उस आदेश को सही ठहराया, जिसमें अदालत ने प्राचीन, मध्यकालीन व आधुनिक इतिहास को संपूर्ण इतिहास नहीं, बल्कि उसका पार्ट माना है। इसी आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ में अपील दाखिल की गई थी।

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दरअसल, जेपीएससी ने वर्ष 2016 में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था। इसमें इतिहास और राजनीति शास्त्र से स्नातक करने वालों से आवेदन मांगे गए थे। लेकिन, प्राचीन, मध्यकालीन व आधुनिक इतिहास से स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों ने भी अपना आवेदन दिया था। इसके बाद जेपीएससी ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया। कई अभ्यर्थियों ने इसको हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान कई एक्सपर्ट कमेटी से इस पर राय मांगी थी। इसके बाद अदालत ने यह कहते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया कि इस मामले में अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। इसका अधिकार एक्सपर्ट कमेटी को ही है। इसी आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी गई थी। इस दौरान जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने कहा कि प्राचीन, मध्यकालीन व आधुनिक इतिहास को संपूर्ण इतिहास नहीं माना जा सकता है। यह इतिहास के एक पार्ट हो सकते हैं। इसलिए विज्ञापन की शर्तों के अनुसार इनपर विचार नहीं किया जा सकता है। इसके बाद अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। 

राज्य में अब इतिहास के शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट ने इतिहास विषय को लेकर विज्ञापन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि कोर्ट का आदेश सही है। सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से कहा गया था कि उन्होंने विज्ञापन जारी कर इतिहास से स्नातक और इतिहास से पोस्ट ग्रेजुएट की अहर्ता रखने वालों को ही नियुक्ति में आवेदन के लिए अनुमति प्रदान की थी। जबकि  प्रार्थी का कहना था कि उन लोगों ने प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास से स्नातक किया है इसलिए उन्हें भी इस नियुक्ति में शामिल किया जाए।

बता दें कि जेएसएससी की ओर से हाई स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति के लिए वर्ष 2016 में विज्ञापन निकाला गया था। उसमें अभ्यर्थियों के लिए स्नातक में इतिहास की योग्यता रखी गई थी। नियुक्ति के लिए प्राचीन व मध्य इतिहास की डिग्री वालों ने भी आवेदन दिया, लेकिन उनका आवेदन अस्वीकृत कर दिया गया। इसके बाद इन लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।


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