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हाई कोर्ट ने हजारीबाग-बरही एनएच के चौड़ीकरण के बाद हुए पौधारोपण की मांगी जानकारी

Jharkhand. रांची-जमशेदपुर फोरलेन निर्माण का मामला। अदालत ने एनएचएआइ से रिपोर्ट मांगी। अदालत ने चार सप्ताह में पूरी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 09:31 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 01:31 PM (IST)
हाई कोर्ट ने हजारीबाग-बरही एनएच के चौड़ीकरण के बाद हुए पौधारोपण की मांगी जानकारी
हाई कोर्ट ने हजारीबाग-बरही एनएच के चौड़ीकरण के बाद हुए पौधारोपण की मांगी जानकारी

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस एके चौधरी की खंडपीठ में रांची-जमशेदपुर फोरलेन सड़क निर्माण मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने एनएचआइए से एनएच 33 (हजारीबाग-बरही सड़क) के चौड़ीकरण के दौरान पेड़ कटाई के बदले पौधारोपण की जानकारी मांगी है। अदालत ने चार सप्ताह में पूरी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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मामले में अगली सुनवाई 23 जनवरी 2020 में होगी। सुनवाई के दौरान हजारीबाग-बरही एनएच मामले में प्रार्थी इंद्रजीत सामंता की ओर से शपथपत्र दाखिल किया गया। इसमें कहा गया कि हजारीबाग- बरही एनएच के चौड़ीकरण में पेड़ों की कटाई के बदले 80 हजार पौधारोपण किया जाना था। एनएचएआइ (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की ओर से 13991 पौधे लगाने का दावा किया जा रहा है।

यह आंकड़ा गलत है, उन्होंने खुद निरीक्षण किया है, जिसमें 3,743 पौधे ही मिले हैैं। पौधारोपण के बाद देखरेख के अभाव में अधिसंख्य पौधे सूख गए हैैं। सुनवाई के दौरान पथ निर्माण विभाग की ओर से भी जवाब दाखिल किया गया। इसमें कहा गया है कि सरायकेला के पास कुछ वन भूमि से ही रांची-जमशेदपुर एनएच गुजरना है। इसको लेकर फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया जारी है। न्याय मित्र आशुतोष आनंद ने मामले में पैरवी की।


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