हजारीबाग में नहीं तोड़े जाएंगे 35 मकान, झारखंड हाई कोर्ट ने सीओ का आदेश किया रद
Jharkhand High Court Hazaribagh News Hindi News इस संबंध में रामेश्वर महतो सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। सीओ ने नोटिस जारी कर कहा था कि सरकारी जमीन है। इसे पुलिस बल के सहयोग से तोड़ दिया जाएगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में हजारीबाग के दारू प्रखंड में 35 से ज्यादा मकान तोड़ने के सीओ के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। प्रार्थी की दलील सुनने के बाद अदालत ने दारू अंचलाधिकारी के आदेश को रद कर दिया है। इस संबंध में रामेश्वर महतो सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
सुनवाई के दौरान प्रार्थियों के अधिवक्ता विनोद सिंह ने अदालत को बताया कि दारू प्रखंड के जिनगा गांव की 3.53 एकड़ जमीन को सरकार जमीन मानते हुए सीओ ने आठ सितंबर को नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया था कि उक्त जमीन सरकारी है। ऐसे में अगर 13 सितंबर के पहले अतिक्रमण को नहीं हटाया जाता है, तो पुलिस बल के सहयोग से सभी मकान तोड़ दिया जाएगा और इसका खर्च भी वहां बसे लोगों से लिया जाएगा।
अनामिका गौतम के मामले में 28 को होगी सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम की जमीन खरीदने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि मूल याचिका में कुछ संशोधन कर संशोधित याचिका दाखिल की गई है। इस पर सरकार ने संशोधित याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। अदालत ने आग्रह को स्वीकार करते हुए 28 सितंबर को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। प्रार्थी अनामिका गौतम की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर देवघर डीसी के आदेश को रद करने की मांग की गई है।
देवघर उपायुक्त ने एसपीटी (संताल परगना काश्तकारी) एक्ट के तहत रैयती जमीन बताकर जमाबंदी रद कर दी है, जबकि उक्त जमीन मूल रैयती जोत है। उपायुक्त ने पिछले दिनों अनामिका गौतम की कंपनी धन्यभूमि इंटरप्राइजेज के नाम पर दर्ज करीब 31 एकड़ जमीन की जमाबंदी रद कर दी। अनामिका गौतम ने देवीपुर में जमीन की खरीदारी की है। इसका कुल क्षेत्रफल 30.9 एकड़ है। इसी मामले में उपायुक्त के जमाबंदी रद करने के आदेश के बाद संशोधित याचिका अदालत में दाखिल की गई है।