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JVM Latest News: हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा- किस नियमावली के तहत खत्म किया JVM का सिंबल

Big Political Update in Jharkhand झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की ओर से जेवीएम पार्टी के सिंबल को समाप्त किए जाने के चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई।

By Vikram GiriEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 02:20 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 04:01 PM (IST)
JVM Latest News: हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा- किस नियमावली के तहत खत्म किया JVM का सिंबल
हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा- किस नियमावली के तहत खत्म किया JVM का सिंबल। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो । झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की ओर से जेवीएम पार्टी के सिंबल को समाप्त किए जाने के चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसमें हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा है कि किस नियमावली के आधार पर उन्होंने पार्टी का सिंबल समाप्त किया है। इस मामले में छह सप्ताह बाद सुनवाई होगी।

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सुनवाई के दौरान विधायक प्रदीप यादव के अधिवक्ता सुमीत गाड़ोदिया ने अदालत को बताया कि मार्च 2020 में चुनाव आयोग ने यह कहते हुए जेवीएम पार्टी का सिबंल समाप्त कर दिया कि उक्त पार्टी का भाजपा में विलय हो गया है। जबकि चुनाव आयोग को ऐसा करने का अधिकार नहीं है। जहां तक पार्टी के भाजपा में विलय होने की बात है, तो दो तिहाई सदस्य तो उनके पास हैं। ऐसे उन लोगों के बिना सहमति के जेवीएम पार्टी का विलय भाजपा में नहीं हो सकता है। इसलिए चुनाव आयोग की ओर से जेवीएम पार्टी के सिंबल को समाप्त करने के आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

ज्ञात हो कि जेवीएम के भाजपा में विलय के दौरान पार्टी में कुल विधायक थे। इसमें बाबूलाल मरांडी केंद्रीय अध्यक्ष थे। वहीं, प्रदीप यादव तथा बंधु तिर्की पार्टी के सिंबल पर चुनाव जीत कर आए थे। पार्टी का चुनाव पूर्व किसी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं था। चुनाव जीतने के बाद पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पार्टी के विलय की घोषणा कर दी। बाबूलाल मरांडी ने भाजपा का दामन थामा। इसके बाद प्रदीप यादव और बंधु तिर्की पार्टी से अलग हो गए। वर्तमान में वह कांग्रेस में हैं। जबकि बाबूलाल मरांडी भाजपा नेता विधायक दल हैं। लेकिन उन्हें अबतक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है।


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