दाराेगा बहाली: झारखंड हाई कोर्ट ने मांगे दारोगा नियुक्ति संबंधी दस्तावेज
Jharkhand High Court. जेपीएससी की बजाय सरकार के स्तर से नियुक्ति करने पर उच्च न्यायालय ने दस्तावेज तलब किए हैं। इस मामले में अब 16 अप्रैल को सुनवाई होगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की अदालत में दारोगा बहाली मामले में एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार से पूछा कि जब इस मामले में जेपीएससी की ओर से नियुक्ति की जानी थी, तो किन परिस्थितियों में सरकार ने जेपीएससी को दरकिनार कर दिया। इससे संबंधित दस्तावेज अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी।
इस मामले में कई अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका भी दाखिल की है। उनकी ओर से अधिवक्ता नागमणि तिवारी ने अदालत में पक्ष रखा। दरअसल सरकार ने 42 कंपनी कमांडर, सार्जेंट मेजर और एसआइ को नियुक्ति के डेढ़ साल बाद यह कहते हुए नौकरी से निकाल दिया कि उनकी नियुक्ति में गड़बड़ी हुई है। सरकार की ओर से संशोधित सूची जारी की गई।
जिसमें 42 नए अभ्यर्थियों को जगह मिली। हटाए गए अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने सरकार सरकार को निर्देश दिया कि भविष्य में होने वाली नियुक्ति में सभी को प्राथमिकता के आधार पर समायोजित किया जाए। जिसको सरकार ने खंडपीठ में चुनौती दी है।