Gumla CJM की कार्यशैली से झारखंड हाई कोर्ट नाराज, कहा- सीजेएम जैसी न काबिलियत और न ही अनुभव
Jharkhand High Court Hindi News हाई कोर्ट ने कहा कि छह माह में मामले का निपटारा करें। कहा कि सीजेएम जैसी न तो उनमें काबिलियत है न अनुभव और न ही दक्षता। गणेश लोहरा की जमानत पर सुनवाई के दौरान कोर्ट का यह आदेश आया।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को गणेश लोहरा की जमानत पर सुनवाई करते हुए गुमला की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुसुम कुमारी की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर की है। अदालत ने उन्हें अपनी जिम्मेवारी और कर्तव्य का सही तरीके से निर्वहन करने का निर्देश दिया है। जस्टिस एके चौधरी की अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि सीजेएम कुसुम कुमारी के पास गबन का मामला लंबित है। इस मामले की त्वरित सुनवाई की जरूरत है।
हाई कोर्ट के सामने जो रिकॉर्ड पेश किए गए हैं, उससे प्रतीत होता है कि इस मामले में अभी तक आरोप गठन की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है। ऐसा प्रतीत होता है कि सीजेएम अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही हैं। मामले में आरोप गठन करने में देर कर रही हैं और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से बच रही हैं। इससे लगता है कि न उनमें काबिलियत है, न अनुभव और न ही दक्षता है, जैसा कि एक सीजेएम के लिए होना चाहिए।
हाई कोर्ट ने इस मामले में त्वरित सुनवाई करते हुए छह माह में मामले का निष्पादन करने का निर्देश दिया है। आदेश दिया है कि वह अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटें और झूठे एवं बचकाने बहाने न बनाते हुए उक्त वाद का जल्द से जल्द रोजाना सुनवाई करते हुए छह माह में निपटारा करें। एक जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान भी उन्हें जल्द से जल्द मामले का निपटारा करने के लिए कहा गया था।
यदि उन्हें किसी प्रकार के प्रशासनिक सहयोग की जरूरत है, तो वह इसके लिए प्रधान जिला जज से संपर्क कर सकती हैं। हाई कोर्ट ने प्रधान जिला जज को भी इस मामले पर गौर करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने आदेश की प्रति गुमला के प्रधान जिला जज को भी भेजने का आदेश दिया है।