झारखंड सरकार ने केंद्र को सुखाड़ घोषित करने के लिए नहीं भेजे प्रस्ताव, आपदा से निपटने के लिए मिले इतने करोड़
Jharkhand News झारखंड सरकार ने अभी तक केंद्र सरकार को राज्य को सुखाड़ घोषित करने हेतु कोई भी प्रस्ताव नहीं भेजा है। वहीं केंद्र सरकार ने राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के तहत करीब 635 करोड़ रूपये आवंटित की है।
मेदिनीनगर (पलामू), संस। Jharkhand News झारखंड सरकार ने अभी तक केंद्र सरकार को राज्य को सुखाड़ घोषित करने हेतु कोई भी प्रस्ताव नहीं भेजा है। वहीं केंद्र सरकार ने राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के तहत 635.20 करोड़ रूपये (केंद्रीय हिस्से के रूप में 476.80 करोड़ रूपये व राज्य के हिस्से के रूप में 158.40 करोड़) राशि आवंटित की है। यह जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पलामू के सांसद वीडी राम को लिखित रूप से दी है। पलामू सांसद ने राज्य सरकार पर बोला हमला केंद्रीय कृषि मंत्री का पत्र प्राप्त होने के बाद पलामू के सांसद वीडी राम ने झारखंड सरकार पर हमला बोला है।
उन्होंने कहा है कि केंद्र द्वारा राज्य आपदा मोचन निधि से फंड आवंटित होनेे के बाद भी झारखंड सरकार ने राज्य की जनता को सुखाड़ से राहत देने संबंधी कोई भी घोषणा नही की है। यह बताता है कि राज्य सरकार सुखाड़ के प्रति गंभीर नहीं है। उसे किसानों के दुख-दर्द से कोई मतलब नहीं है। सिर्फ राजनीति करनी है।
27 जुलाई को पलामू सांसद ने लोकसभा में उठाया था मुद्दा
सांसद विष्णुदयाल राम ने लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान दिनांक 27 जुलाई 2022 को शून्य काल के दौरान पलामू व गढ़वा जिलें के साथ झारखंड राज्य को सुखाड़ घोषित करने की मांग की थी। इसमें बताया गया था कि राज्य की 80 प्रतिशत आबादी कृषि पर ही निर्भर करती है। वर्षा की कमी के चलते विचड़ा खेत में ही सुख गया। मक्का व तेलहन फसल होने की भी कोई उम्मीद नहीं है।
कृषि मंत्री का लिखित जवाब
केंद्रीय कृषि मंत्री ने पलामू सांसद को लिखे पत्र में कहा है कि सभी प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में आवश्यक राहत मुहैया कराए जाने का प्राथमिक दायित्व राज्य सरकारों का है। तत्काल उपाय शुरू करने के लिए राज्य सरकार के पास राज्य आपदा मोचन निधि के तहत राशि उपलब्ध होती हैं। सूखे की घोषणा राज्य सरकार के कार्य क्षेत्र में आता है। बावजूद इसके झारखंड सरकार ने एनडीआरएफ से वित्तीय सहायता के लिए वर्तमान वर्ष में सूखा से संबंधित अभी तक कोई भी ज्ञापन प्रस्तुत नहीं किया है।