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किसानों को मिल सकती है राहत, कर्ज माफी पर जल्द फैसला लेगी नई सरकार

नई सरकार चुनाव के दौरान की गई घोषणाओं को अमल में लाने में देर नहीं करना चाहती। इस बाबत कई स्तरों पर बातचीत जारी है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 10:34 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 12:12 PM (IST)
किसानों को मिल सकती है राहत, कर्ज माफी पर जल्द फैसला लेगी नई सरकार
किसानों को मिल सकती है राहत, कर्ज माफी पर जल्द फैसला लेगी नई सरकार

रांची, राज्य ब्यूरो। बदली राजनीतिक परिस्थितियों में झारखंड में पूर्ववर्ती भाजपानीत गठबंधन सरकार के जहां कई ऐसे फैसले संशोधित किए जा सकते हैैं, जो विवादों के घेरे में रहे हैैं। इसमें स्थानीय नीति में बदलाव, धर्मांतरण बिल की समीक्षा समेत अन्य कई मामले शामिल हैैं। वहीं महागठबंधन की ओर से चुनाव के दौरान की गई किसानों की कर्ज माफी की घोषणा को अमल में लाने पर भी नई सरकार जल्द फैसला ले सकती है। कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी हर सभा में इस लुभावने वादे को छत्तीसगढ़ की नजीर देकर उछालते रहे थे।

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अब सरकार गठन के बाद कांग्रेस का यह दबाव है कि जल्द इसपर नीतिगत फैसला हो ताकि श्रेय लिया जा सके। यह मुद्दा झारखंड मुक्ति मोर्चा के घोषणापत्र में भी शामिल था। झामुमो ने एक कदम आगे बढ़ते हुए किसानों के साथ-साथ खेतिहर मजदूरों का भी कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक इस बाबत कई स्तरों पर बातचीत हुई है। फिलहाल विधानसभा के सत्र पर पूरा ध्यान केंद्रित है। इसके बाद किसानों की कर्ज माफी को लेकर सरकार कोई फैसला ले सकती है।  

किसानों की जमीन का अधिग्रहण नहीं

किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ नीतिगत फैसलों में भी सरकार सहयोग का रवैया रखेगी। घोषणाओं के मुताबिक सरकार किसानों की जमीन का निजी कंपनियों के लिए अधिग्रहण नहीं करेगी। किसानों और खेतिहर मजदूरों की कर्ज माफी की योजना के साथ-साथ स्वरोजगार के लिए 15 हजार रुपये अनुदान की घोषणा भी झामुमो के घोषणापत्र का हिस्सा है। इसके अलावा सरकार मनरेगा में साल में 100 दिनों की बजाय अब न्यूनतम 150 दिन तक का काम सुनिश्चित करेगी। 

किसान बैैंक से आएगी खुशहाली

नई योजना में किसान बैैंक की स्थापना अहम होगी। इसके जरिए किसान अपने सभी उत्पाद यहां बेच सकेंगे। उन्हें अपने उत्पाद का वाजिब दाम मिलेगा। किसान बैैंक के जरिए किसान खेती के लिए उपकरण और यंत्र सस्ती दर पर ले सकेंगे। अनाज के साथ-साथ सब्जियों के लिए भी न्यनूतम समर्थन मूल्य का निर्धारण होगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण लागत दर से 150 प्रतिशत होगा। इस तरीके से धान का समर्थन मूल्य 2300 से 2700 रुपये तक होगा, जो सर्वाधिक है। सिंचाई में उपयोग के लिए डीजल खरीद और बिजली खपत पर भी सरकार अनुदान की घोषणा कर सकती है। 

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