मजदूरों को आने-जाने में अब नहीं होगी परेशानी, शुरू होगी बस सेवा Ranchi News
Jharkhand. काम की तलाश में रोज शहर आनेवाले मजदूरों के लिए सरकार ने बस सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है। श्रम विभाग ने आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया।
रांची, राज्य ब्यूरो। काम की तलाश में रोज शहर आनेवाले मजदूरों के लिए बस सेवा शुरू होगी। उन्हें शहर लाने तथा शहर से गांव पहुंचाने के लिए बसें उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की समीक्षा के क्रम में इसे लेकर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया। उन्होंने अभियान चलाकर सभी असंगठित मजदूरों का निबंधन कराने तथा उन्हें सभी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार असंगठित मजदूरों के लिए बीमा, चिकित्सा सुविधा, छात्रवृत्ति लाभ सहित कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। वहीं, निर्माण क्षेत्र से जुड़े मजदूरों को औजार, साइकिल, सेफ्टी किट आदि की सुविधा दी जा रही है, लेकिन जानकारी के अभाव में मजदूर इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इन योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत मजदूरों को मिले, इसके लिए उन्हें योजनाओं की जानकारी भी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने शहरों में रोजाना काम पर आनेवाले मजदूरों का ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया।
मजदूरों में से ही एक-दो को ग्रुप लीडर बनाकर तथा फार्म देकर रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित कराने को कहा। उन्होंने उन क्षेत्रों में श्रमिक शेड का निर्माण भी करने का निर्देश दिया जहां मजदूर काम की तलाश में सुबह में पहुंचते हैं। मुख्यमंत्री ने सितंबर माह में राज्यभर से रिक्शा, ठेले, खोमचा वाले, सब्जी दुकानदारों व अन्य असंगठित मजदूरों आदि का सम्मेलन रांची में आयोजित कराने का निर्देश दिया।
प्रत्येक जिले से 10-10 लोगों को इस सम्मेलन में बुलाया जाएगा। इसमें उनका रजिस्ट्रेशन भी होगा और योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। बैठक में विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा. सुनील कुमार वर्णवाल, श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव राजीव अरुण एक्का आदि भी उपस्थित थे।
3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान धन योजना के तहत मजदूरों को 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन के रूप में मिलेंगे। बताया कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना से अबतक 1,17,875 मजदूर जोड़े जा चुके हैं।
आयुष्मान भारत से जुड़ेंगे मजदूर
मुख्यमंत्री ने असंगठित मजदूरों को आयुष्मान भारत योजना से जोडऩे की भी बात कही। उनके गोल्डन कार्ड का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने 25 सितंबर के पहले सभी को गोल्डन कार्ड देने का निर्देश दिया।
चार वर्ष में 5.19 लाख मजदूरों का निबंधन
बैठक में विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2014 तक निर्माण क्षेत्र के 3.59 लाख मजदूर ही निबंधित थे। इसके बाद चार सालों में 5.19 लाख मजदूरों का निबंधन हुआ है। मजदूरों को विभिन्न योजनाओं में 188 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है। निर्माण मजदूरों के लिए दुर्घटना मृत्यु के बाद आर्थिक सहायता की राशि 75 हजार रुपये से बढ़ा कर पांच लाख रुपये व सामान्य मृत्यु में 30 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है। राज्य में 13.03 लाख असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का निबंधन हो चुका है। 2,62,625 मजदूरों को 5.39 करोड़ रुपये की योजनाओं का लाभ मिल चुका है।