साढ़े तीन लाख रुपये देने को खोज रही झारखंड सरकार, कहीं आप तो नहीं; जानें पूरा मामला
Jharkhand. देवघर पुलिस-प्रशासन को घटना के चार साल बाद भी उत्तराखंड बंगाल व बिहार के पीडि़तों की तलाश है। अभी तक भुक्तभोगियों का सत्यापन नहीं हो सका है।
रांची, [दिलीप कुमार]। मुआवजे के साढ़े तीन लाख रुपये बांटने के लिए देवघर पुलिस-प्रशासन को देश के तीन राज्यों में भुक्तभोगियों की तलाश है। ये राज्य हैं उत्तराखंड, बंगाल व बिहार। घटना के चार साल बाद भी देवघर प्रशासन इस बात को लेकर परेशान है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली के मुआवजा बांटने संबंधित आदेश का अनुपालन नहीं हो पा रहा है। इस राशि का हिसाब सरकार की गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग भी मांग रहा है।
देवघर के बेलाबगान में 10 अगस्त 2015 को भगदड़ मची थी। इस भगदड़ में 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 20 श्रद्धालु जख्मी हो गए थे। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएआरएफ) से मृतकों के आश्रित व घायलों को मुआवजे के लिए 30 लाख रुपये मिले थे। इसमें मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये व प्रत्येक घायलों को 50-50 हजार रुपये देने का आदेश हुआ था।
उक्त कोष से देवघर प्रशासन को 30 लाख रुपये मिले थे, जिसमें केवल 26.50 लाख रुपये ही खर्च हुए। साढ़े तीन लाख रुपये का मुआवजा इसलिए नहीं बंटा कि भुक्तभोगियों का पता नहीं लगाया जा सका। कुल सात घायलों में साढ़े तीन लाख रुपये बंटने हैं। देवघर प्रशासन को इन सात घायलों में सिर्फ चार के ही नाम की जानकारी है, जिनके पते का सत्यापन किया जाना है। अन्य तीन का अब भी कोई नाम व पता नहीं मिला है।
देवघर की डीसी ने तीनों राज्यों से किया पत्राचार
देवघर की डीसी नैंसी सहाय ने तीनों राज्यों के जिलाधिकारियों से पत्राचार किया है। इनमें बिहार के छपरा, उत्तराखंड के पौढ़ीगढ़वाल व बंगाल के वद्र्धमान जिले के जिलाधिकारी शामिल हैं। उन्होंने घटना का जिक्र करते हुए लिखा है कि भगदड़ में घायल व्यक्ति उनके जिले के हैं, जिनके भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन की मांग की गई थी। उक्त प्रतिवेदन नहीं मिलने के कारण अनुग्रह अनुदान मुहैया करने के लिए सरकार को नहीं भेजा जा सका है। इस संबंध में झारखंड सरकार के विभाग व एनएचआरसी नई दिल्ली का बार-बार रिमाइंडर आ रहा है।
चार घायल, जिनका सत्यापन रिपोर्ट मांगी गई
- संगीता देवी : पति विनोद ठाकुर, छपरा बिहार।
- राजेश राम : छपरा, बिहार।
- उपेंद्र सिंह : खिजुरिया, वद्र्धमान, बंगाल।
- लक्की मिश्रा : पति स्व. विनय मिश्रा, पागल बाबा आश्रम, केदारनाथ, जिला पौढ़ी गढ़वाल, उत्तराखंड।