Sarkari Naukri: झारखंड में अनुबंध वालों को नहीं मिलेगी स्थायी नौकरी, सरकार ने दिया यह जवाब; पढ़ें पूरी खबर
विधानसभा में प्रभारी मंत्री अमर बाउरी ने खरी-खरी बात कह दी। कहा खास लक्ष्य पाने के लिए अभियान चलाया जाता है निर्धारित अवधि के लिए ही नियुक्त किए गए कर्मी स्थायी नहीं हो सकते।
रांची, राज्य ब्यूरो। सर्व शिक्षा अभियान, एनआरएचएम तथा अन्य अभियानों के तहत अनुबंध पर कार्यरत कर्मी स्थायी नहीं हो सकते। सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश के दायरे में ये कर्मी नहीं आते, जिसमें 10 साल तक स्वीकृत पदों पर अनुबंध पर काम करनेवाले कर्मियों को स्थायी करने को कहा गया है। शुक्रवार को विधानसभा में प्रभारी मंत्री अमर कुमार बाउरी ने एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सरकार की ओर से यह जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत कर्मियों की बहाली स्वीकृत पदों पर नहीं हुई है।
मंत्री ने कहा कि किसी खास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न विभागों में निर्धारित अवधि तक के लिए अभियान चलाए जाते हैं, जिनमें संविदा पर कर्मियों को बहाल किया जाता है। अभियानों के तहत नियुक्ति के विज्ञापन में ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि उनकी नियुक्ति तबतक के लिए की गई है जबतक अभियान चलेगा। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि मानवीय रूप से कर्मियों को हटाना 'यूज एंड थ्रोÓ जैसा है, लेकिन नियुक्ति के मापदंड और बाध्यता को आत्मसात करना ही होगा।
इससे पहले विधायक नागेंद्र महतो ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में 10 साल तक सेवा देनेवाले पारा शिक्षकों, बीआरपी-सीआरपी, सहिया, आंगनबाड़ी सेविका, कंप्यूटर ऑपरेटरों आदि को स्थायी करने की मांग की थी। विधायक भानु प्रताप शाही ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा कि इन कर्मियों ने अपनी जवानी दे दी। अब उन्हें नींबू की तरह निचोड़कर फेंका नहीं जा सकता।
उन्होंने बिना स्वीकृत पद के बहाली पर भी सवाल उठाया। इस बीच विधायक जीतू चरण राम ने आउटसोर्सिंग पर बीआरपी-सीआरपी की बहाली पर रोक लगाने की मांग की। इधर, ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने भी मंत्री के जवाब को सही बताते हुए कहा कि पारा शिक्षकों, पारा पुलिस आदि को नियुक्ति में प्राथमिकता दी जा रही है।
स्वीकृत पद पर काम कर रहे होंगे स्थायी, तैयार हो रहा डाटा
मंत्री ने सरकार के जवाब में कहा कि कोर्ट के आदेश पर स्वीकृत पदों पर दस साल से काम कर रहे कर्मी निश्चित रूप से स्थायी किए जाएंगे। इसके लिए विभिन्न विभागों से प्रस्ताव मांगा गया है। उन्होंने सदन को यह भी बताया कि राज्य सरकार ने इसके लिए 26 जून 2019 कट ऑफ डेट रखा है।
हजारों की संख्या में नियुक्त हुए हैं कर्मी, 65 हजार हैं पारा शिक्षक
राज्य में सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान आदि के तहत बड़े पैमाने पर अनुबंध पर बहाली हुई है। पारा शिक्षक, बीआरपी-सीआरपी, एनआरएचएम कर्मी, आंगनबाड़ी सहायिका, सेविका, एएनएम-जीएनएम, सहिया सहित हजारों कर्मी इसमें शामिल हैं। लगभग 65 हजार तो पारा शिक्षक ही हैं। ये सभी स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप