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Hemant Soren Mine Lease Case: सीएम हेमंत सोरेन को बचाने सुप्रीम कोर्ट पहुंची झारखंड सरकार... सुनवाई शुक्रवार को

Hemant Soren Mine Lease Case झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खनन लीज मामले में बुरी तरह फंस गए हैं। झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई चल ही रही थी इसी बीच मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अब इस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 01:24 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 01:46 PM (IST)
Hemant Soren Mine Lease Case: सीएम हेमंत सोरेन को बचाने सुप्रीम कोर्ट पहुंची झारखंड सरकार... सुनवाई शुक्रवार को
Hemant Soren Mine Lease Case: सीएम हेमंत सोरेन को बचाने सुप्रीम कोर्ट पहुंची झारखंड सरकार... सुनवाई शुक्रवार को

रांची, राज्य ब्यूरो। शेल कंपिनयों में निवेश और खनन पट्टा का विवाद अब देश की सर्वोच्च अदालत में पहुंच गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बचाने के लिए झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। शुक्रवार को मामले की सुनवाई होने की संभावना है। गुरुवार को मामले की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में होनी थी, लेकिन राज्य सरकार के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का आधार बनाते हुए अदालत से अगली तिथि मांग ली। हाई कोर्ट में अब मामले सुनवाई मंगलवार को होगी। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछली सुनवाई में झारखंड हाई कोर्ट में एक सीलबंद रिपोर्ट सौंपी थी, राज्य सरकार की ओर से यह रिपोर्ट मांगी गई लेकिन अदालत ने इन्कार कर दिया। इसे ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। गौरतलब है क‍ि आइएएस पूजा स‍िंघल के मामले की जांच कर रहे ईडी को पूछताछ में जो जानकारी म‍िली है उससे राज्‍य के शीर्ष नेतृत्‍व पर उंगली उठ रही है।

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ऐसे समझिए, पूरा मामला

मालूम हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अपने नाम से खनन पट्टा लेने का आरोप है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मामले को उजागर किया था। इसके बाद मामला राज्यपाल रमेश बैसे से होते हुए चुनाव आयोग तक पहुंच गया। आयोग ने मुख्यमंत्री को नोटिस भेजकर जवाब मांगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपनी बीमार मां का हवाला देते हुए एक माह का समय मांगा। आयोग ने एक माह की जगह दस दिनों का समय दिया। अभी तक हेमंत सोरेन ने अपना जवाब आयोग को नहीं भेजा है। संभावना जताई जा रही कि चंद रोज के भीतर मुख्यमंत्री अपना जवाब भेज देंगे। उसके बाद चुनाव आयोग अपना फैसला सुनाएगा।

उधर, मामला उजागर होने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता शिवशंकर शर्मा ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। अदालत इस मामले की सुनवाई कर ही रही थी कि ईडी ने छापेमारी कर खान विभाग की सचिव पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया। पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार सिंह के पास से करोड़ों रुपये नकद बरामद हुए। पूछताछ के क्रम में सुमन कुमार सिंह ने खुलासा किया कि रुपये पूजा सिंघल के हैं। यह भी बताया कि बड़ी संख्या में शेल कंपनियों के माध्यम से मनी लांड्रिंग का खेल चल रहा था।

इसी बीच कोर्ट में ईडी ने कह दिया कि उसे अहम जानकारी हाथ लगी है। इसके बाद अदालत ने तमाम अहम जानकारियां सीलबंद लिफाफे में तलब कर ली। ईडी के इस कदम से हेमंत सोरेन की मुश्किलें और बढ़ गईं। लेकिन अभी तक यह खुलासा नहीं हुआ है कि इसमें किन किन लोगों का नाम है। अदालत ने इसे गोपनीय रखा है। इस बीच हेमंत सोरेन के बचाव में मुकदमा लड़ रहे कपिल सिब्बल ने अदालत से ईडी द्वारा सिपुर्द जानकारियां जानने की इच्छा जताई, लेकिन अदालत ने उन्हें यह मौका नहीं दिया। साफ तौर पर जानकारियां देने से मना कर दिया।


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