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अपनी गाड़ी के लिए लेना चाहते हैं VIP नंबर, जानें कितना आसान-कितना मुश्किल है यह काम

झारखंड सरकार पहले आओ पहले पाओ की वर्तमान व्‍यवस्‍था को बदलते हुए अब बोली लगाकर वीआइपी नंबर हासिल करने की कवायद कर रही है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 07:11 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 03:42 PM (IST)
अपनी गाड़ी के लिए लेना चाहते हैं VIP नंबर, जानें कितना आसान-कितना मुश्किल है यह काम
अपनी गाड़ी के लिए लेना चाहते हैं VIP नंबर, जानें कितना आसान-कितना मुश्किल है यह काम

रांची, [आशीष झा]। अगर आप अपनी गाड़ी के नंबर प्लेट पर वीआइपी नंबर देखने के शौकीन हैं तो और जेब खाली करने के लिए तैयार हो जाइए। सरकार वर्तमान व्यवस्था को बदलते हुए बोली के आधार पर नंबर आवंटित करने के प्रस्ताव लाने जा रही है। परिवहन विभाग ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है। प्रस्ताव कैबिनेट से पास होने के बाद सरकार का राजस्व तो बढ़ेगा ही, उन लोगों को भी राहत मिलेगी जो देरी से पहुंचने के कारण पसंदीदा नंबर लेने से वंचित हो जाते थे।

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  • सरकार एक निश्चित राशि के बाद बोली लगवाएगी जिसके आधार पर तय होगा नंबर के हकदार का नाम
  • महीने में तीन-चार दिन बोली लगाने के लिए फिक्स होंगे, इन्हीं तिथियों पर पसंदीदा नंबर मिलेंगे
  • बोली लगने से राजस्व में होगी बढ़ोतरी, फिलहाल पांच हजार से एक लाख रुपये तक वसूल रही सरकार

अब नई व्यवस्था में पहले आओ, पहले पाओ के सिस्टम को खत्म करते हुए बोली लगाओ व्यवस्था को लागू किया जाएगा। वर्तमान व्यवस्था को बदलते हुए हर महीने तीन से चार तिथियां निर्धारित करने पर विचार चल रहा है और इन्हीं तिथियों पर लोग पसंदीदा नंबर के लिए जिला परिवहन कार्यालय में बोली लगा सकेंगे। इसी आधार पर लोगों को नंबर आवंटित होंगे। 

हर नंबर के लिए तय होगी न्यूनतम राशि
बोली लगाने के लिए हर वीआइपी नंबर के लिए एक न्यूनतम राशि तय होगी जिसके बाद आगे बोली लगाई जा सकेगी। नंबर के लिए कोई बोली लगानेवाला अथवा कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं पहुंचा तो पहले व्यक्ति को ही न्यूनतम तय राशि पर नंबर आवंटित कर दिया जाएगा। अभी विभिन्न नंबरों के लिए न्यूनतम राशि तय नहीं हो सकी है। इस बात की उम्मीद की जा रही है कि पहले से राशि बढ़ेगी। 

वर्तमान में 185 वीआइपी नंबर, दर 5 हजार से एक लाख रुपये तक
0001 से लेकर 9999 तक कुल 185 नंबर वीआइपी श्रेणी में रखे गए हैं। इसके अलावा कोई व्यक्ति अपनी पसंद का नंबर रखता है तो उसे भी वीआइपी ही माना जाएगा और इसके लिए दोपहिया वाहनों से न्यूनतम पांच हजार और चार चक्का वाहनों से 10 हजार रुपये लिया जाता है। सबसे अधिक राशि 0001 के लिए ली जाती है और इसके लिए वर्तमान में निर्धारित दर 1 लाख रुपये है। 

वीआइपी नंबर लक्जरी आइटम की श्रेणी में आता है और इसके लिए लोग आसानी से पैसा देने को तैयार हैं। अभी सिर्फ एक व्यक्ति को पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर मौका मिल पाता था लेकिन इस बदलाव से सभी को मौका मिलेगा। विभाग में अभी प्रस्ताव तैयार हो रहा है। फैज अक अहमद मुमताज, परिवहन आयुक्त, झारखंड।


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