Move to Jagran APP

JPSC Merit Scam: इधर CBI कर रही नियुक्ति की जांच, उधर सरकार कर रही प्रमोशन की तैयारी

झारखंड लोक सेवा आयोग के प्रथम और द्वितीय बैच के अधिकारियों की नौकरी पर आफत बरकरार है। मेधा घोटाला की सीबीआइ जांच के बीच सरकार उनकी प्रोन्नति का रास्ता तैयार कर चुकी है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 07 Jun 2019 10:47 AM (IST)Updated: Fri, 07 Jun 2019 04:25 PM (IST)
JPSC Merit Scam: इधर CBI कर रही नियुक्ति की जांच, उधर सरकार कर रही प्रमोशन की तैयारी
JPSC Merit Scam: इधर CBI कर रही नियुक्ति की जांच, उधर सरकार कर रही प्रमोशन की तैयारी

रांची, [आशीष झा]। झारखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित प्रथम और द्वितीय बैच के अधिकारियों की नियुक्ति की जांच भले ही सीबीआइ कर रही है और उनकी नौकरी पर आफत अभी भी बनी हुई है लेकिन कहीं न कहीं सरकार के स्तर से उनकी प्रोन्नति का रास्ता तैयार हो चुका है। विभिन्न स्तरों से होते हुए मामला वापस कार्मिक विभाग तक पहुंच चुका है और शीघ्र ही उनकी प्रोन्नति से संबंधित अधिसूचना जारी होने की संभावना है। इससे लाभान्वित होनेवाले अधिकारियों की संख्या लगभग आठ दर्जन है।

loksabha election banner
  • जेपीएससी प्रथम और द‍ि्वतीय के लगभग आठ दर्जन अधिकारियों को प्रोन्नति मिलने का मार्ग प्रशस्त

  • चल रही है सीबीआइ जांच, कोर्ट के आदेश पर फैसला बदलने की शर्त के साथ प्रमोशन का प्रस्ताव

अधिसूचना होने से पहले विभाग किसी प्रकार का खुलासा नहीं करना चाहता है। पहली और दूसरी जेपीएससी में मेधा घोटाला उजागर होने के बाद अधिकारियों को एक बार निष्कासित भी किया गया था लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई थी। इस बीच उनकी प्रोन्नति का मामला लंबित पड़ा हुआ था। इसके पूर्व राज्य प्रशासनिक सेवा में चयनित अधिकारियों को एडहॉक प्रमोशन दिया गया था लेकिन राज्य पुलिस सेवा और राज्य वित्त सेवा के अधिकारी इससे वंचित हो गए थे। ज्ञात हो कि जेपीएससी प्रथम बैच में 64 और दूसरे बैच में 172 अभ्यर्थी चयनित हुए थे।

चार लोगों को कोर्ट के आदेश के बाद पिछली तिथियों से मिली प्रोन्नति
हाल ही में कोर्ट के आदेश के बाद चार अधिकारियों को पिछली तिथि से प्रोन्नति दी गई। प्रथम बैच के इन अधिकारियों को विभिन्न आधार पर प्रोन्नति से वंचित कर दिया गया था इनमें से एक आधार एसीआर का उपलब्ध नहीं होना बताया गया। इसके बाद अधिकारियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटाखटाया तो कोर्ट ने इनकी प्रोन्नति की मांग का वाजिब मानते हुए फिर से विचार करने को कहा जिसके बाद चार अधिकारियों (हरिवंश पंडित, विजय कुमार, कुंवर सिंह पाहन व परमेश्वर मुंडा) को 6 जुलाई 2015 के प्रभाव से प्रोन्नति दी गई थी।

अटकी पड़ी है सीबीआइ जांच
जनवरी 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने मेधा घोटाले की सीबीआइ जांच करने का आदेश दिया था लेकिन यह जांच बहुत ही धीमी गति से चल रही है। हाल के दिनों में कार्मिक विभाग इस संदर्भ में पत्राचार भी नहीं कर रहा है। पूर्व में कार्मिक सचिव निधि खरे ने सीबीआइ से जांच की प्रगति को लेकर कई बार पत्राचार किया था। इस मामले में जेपीएससी के तत्कालीन चेयरमैन डॉ. दिलीप कुमार सहित कई सदस्य जेल जा चुके हैं।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.