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Jharkhand: शिक्षक बहाली को लेकर हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी झारखंड सरकार

नियोजन नीति के तहत राज्य में होने वाली नियुक्ति रद करने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील याचिका दाखिल कर सकती है। इसके अलावा 13 अधिसूचित जिलों के अभ्यर्थी भी सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं।

By Vikram GiriEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 09:51 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 08:54 PM (IST)
Jharkhand: शिक्षक बहाली को लेकर हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी झारखंड सरकार
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरन व सुप्रीम कोर्ट की प्रतीकात्मक तस्वीर।

रांची (राज्य ब्यूरो) । नियोजन नीति के तहत राज्य में होने वाली नियुक्ति रद करने के हाई कोर्ट के आदेश को झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। यह जानकारी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद दी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सहायक पुलिसकर्मियों की सेवा जारी रखने के लिए अवधि विस्तार देने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया गया है।

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यही नहीं 13 अधिसूचित जिलों के अभ्यर्थी भी सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट के तीन जजों की पीठ ने नियोजन नीति के तहत 13 जिलों में हुई नियुक्ति को रद करते हुए दोबारा नियुक्ति करने का आदेश दिया है। इस आदेश के चलते 13 जिलों के 8423 अभ्यर्थियों की नौकरी प्रभावित हुई है। ऐसे में इतनी बढ़ी संख्या में प्रभावित अभ्यर्थियों के सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करने की कवायद शुरू हो गई है।

अदालत ने इसी विज्ञापन से गैर अधिसूचित 11 जिलों में हुई नियुक्ति और होने वाली नियुक्ति को सुरक्षित रखा है। यानि अदालत के आदेश से इन जिलों में होने वाली नियुक्ति प्रभावित नहीं हुई है। इस मामले में याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता ललित कुमार सिंह की माने तो जब एक ही विज्ञापन से सभी जिलों में नियुक्ति हुई है तो सिर्फ 13 जिलों में ही नियुक्ति रद करना उचित नहीं है। अदालत को अधिसूचित व गैर अधिसूचित जिलों की सभी नियुक्ति को रद कर देना चाहिए।

हालांकि उन्होंने भी कहा है कि वे इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे। बता दें कि सोमवार को हाई कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने सरकार के अधिसूचित जिलों में सौ फीसद आरक्षण को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। अदालत ने कहा है कि किसी भी हाल में 100 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। उधर राज्य सरकार ने भी कहा है कि हाई कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद सरकार आगे कार्रवाई करेगी।


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