चिंता की कोई बात नहीं! बिना नक्शा पास कराए बनाया है मकान, तो ऐसे कराएं नियमित; पढ़ें काम की खबर
मार्च 2020 तक आवेदन देने पर ही अनधिकृत भवन नियमित हो सकेंगे। नगर विकास एवं आवास विभाग की अधिसूचना के मुताबिक 31 दिसंबर 2018 से पूर्व निर्मित भवन ही नियमित हो सकेंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के शहरी क्षेत्रों में बिल्डिंग बायलाज का उल्लंघन कर बने अनधिकृत भवनों को नियमित करने की मियाद सरकार ने तय कर दी है। इसके लिए मार्च 2020 तक दिए गए आवेदन ही मान्य होंगे। आवेदन प्राप्त होने की तिथि से अगले तीन महीने के अंदर सरकार ऐसे आवेदनों पर सशर्त विचार करेगी। वही मकान नियमित होंगे, जिनका निर्माण 31 दिसंबर 2018 से पूर्व हुआ हो।
ऐसे निर्माण को नियमित कराने के लिए आवेदकों को प्रति वर्ग मीटर 200 रुपये का जुर्माना भरना होगा। अधिकतम 500 वर्गमीटर में बने मकान ही नियमित होंगे। नगर विकास एवं आवास विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। विभागीय स्तर से जारी अधिसूचना के अनुसार ऐसे भवन किसी भी कीमत पर नियमित नहीं हो सकेंगे, जिसकी प्रकृति विवादित हो।
कमजोर आय वर्ग वालों को नहीं देना होगा आवेदन शुल्क
अधिसूचना के मुताबिक 50 वर्गमीटर तक के आवासों में रहने वाले कमजोर आय वर्ग वाले व्यक्तियों को भवनों को नियमित कराने के लिए दिए गए आवेदन के साथ किसी तरह का शुल्क नहीं देना होगा। अगर भवन 100 वर्गमीटर का हो तो इस मद में 100 रुपये तथा इससे अधिक के क्षेत्रफल वाले मकानों के मालिकों को बतौर आवेदन शुल्क 200 रुपये देने होंगे।
ऐसे आवास नहीं होंगे नियमित
- - राज्य सरकार, स्थानीय प्राधिकार अथवा संवैधानिक संस्थानों द्वारा किसी परियोजना विशेष के लिए आवंटित भूमि।
- - सार्वजनिक स्थलों, हरित पट्टी, निजी सड़क आदि पर बने आवास।
- - वैसे भवन अथवा उसका भाग, जिसके मालिक ने सरकारी भूमि का अतिक्रमण कर रैंप, सीढ़ी, सैप्टिक टैंक आदि का निर्माण करा रखा हो।
- - वह भूखंड जिसका प्रमाणीकृत प्रवेश पथ न हो।
- - वैसी भूमि जो सीएनटी और एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर खरीदी गई हो।
- - वैसे क्षेत्र जो खतरनाक औद्योगिक विकास के लिए चिह्नित किए गए हों आदि।