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सरकार की चुप्पी से झारखंड को नहीं मिल सका टेक्सटाइल पार्क Ranchi News

Jharkhand. राज्य को टेक्सटाइल हब बनाने के राज्य सरकारों के दावों की हवा निकल गई है। प्रस्ताव मांगे जाने के बावजूद झारखंड सरकार इस पर मौन रही।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 01:36 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 08:07 PM (IST)
सरकार की चुप्पी से झारखंड को नहीं मिल सका टेक्सटाइल पार्क Ranchi News
सरकार की चुप्पी से झारखंड को नहीं मिल सका टेक्सटाइल पार्क Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य को टेक्सटाइल हब बनाने के राज्य सरकारों के दावों की हवा निकल गई है। केंद्र ने टेक्सटाइल पार्क बनाने के लिए झारखंड सरकार से प्रस्ताव मांगे थे। लेकिन यह जानकारी सार्वजनिक हुई है कि झारखंड से टेक्सटाइल पार्क के लिए भारत सरकार को एक भी प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। जबकि देश के विभिन्न राज्यों से केंद्र सरकार को प्रस्ताव मिले और इनमें 59 बन भी गए। राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार के सवाल के जवाब में केंद्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने यह जानकारी सदन में दी।

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जवाब में जानकारी दी गई कि भारत सरकार की स्कीम फॉर इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क (एसआइटीपी) के तहत देश में 59 टेक्सटाइल पार्क विभिन्न राज्यों में स्थापित हो चुके हैं लेकिन पर्याप्त संभावनाओं तथा केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त प्रोत्साहन दिए जाने के बावजूद झारखंड में अबतक एक भी टेक्सटाइल पार्क स्थापित नहीं हो सका है। दरअसल, राज्य सरकार ने इस बाबत कोई प्रस्ताव दिया ही नहीं।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार एकीकृत वस्त्र पार्क योजना (एसआईटीपी) का क्रियान्वयन कर रही है जो वस्त्र इकाइयों की स्थापना के लिए विश्व स्तरीय अवसंरचना सुविधाओं के सृजन की सहायता के लिए उपलब्ध कराती है। भारत सरकार इस योजना के तहत प्रत्येक पार्क के लिए 40.00 करोड़ की अधिकतम सीमा के तहत परियोजना लागत का अधिकतम 40 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराती है।

यह योजना एक मांग आधारित योजना है। झारखंड सहित देश के सभी राज्यों को एसआईटीपी के अंतर्गत शामिल किया गया है। इस योजना के तहत अब तक आंध्र प्रदेश में छह, असम में एक, गुजरात में 14, हरियाणा में एक, हिमाचल प्रदेश में एक, जम्मू-कश्मीर में 2, कर्नाटक में 2, महाराष्ट्र में 13, पंजाब में 3, राजस्थान में 3, तमिलनाडु में 8, तेलंगाना में एक, उत्तर प्रदेश में 2 और पश्चिम बंगाल में 2 टेक्सटाइल पार्क की स्थापना हुई है।

सिटी ऑफ जॉय में हाथ रिक्शा एक कलंक

महेश पोद्दार ने कोलकाता में हाथ रिक्शा खींचनेवालों को रोजगार का विकल्प उपलब्ध कराते हुए इस अमानवीय प्रथा को समाप्त करने की मांग की है। पोद्दार ने राज्‍यसभा में गुरुवार को शून्यकाल के तहत यह मामला उठाया। उन्होंने सरकार को इसके लिए हाथ रिक्शा खींचनेवालों को शत प्रतिशत या न्यूनतम 90 प्रतिशत सब्सिडी पर ई-रिक्शा उपलब्ध कराने का सुझाव दिया है।


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